भांजे के लिए जीवनभर मामा रहा अविवाहि, उसी भांजे ने कुल्हाड़ी से काटकर ले ली मामा की जान

 कालपी कोतवाली क्षेत्र ग्राम हरकूपुर में हृदयविदारक घटना ने लोगों को झकझोर दिया है। बहन-बहनोई की मौत के बाद भांजे का जीवन संवारने के लिए मामा अविवाहित रहे, आज उसी भांजे ने उन्हें कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया। खून से सनी कुल्हाड़ी के साथ पुलिस ने आरोपित भांजे को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं गांव में घटना को लेकर सनसनी फैली है।

भांजों का जीवन संवारने के लिए नहीं की थी शादी

ग्राम हरकूपुर में 70 वर्षीय मोहर सिंह तीन भाई थे। वह दो बड़े भाइयों बाल किशन और मुल्लू में सबसे छोटे थे। कई साल पहले वह बहन-बहनोई की मौत के बाद अनाथ हुए भांजों करण सिंह और पान सिंह को उनके गांव रेढ़र थानांतर्गत अतरौली से बचपन में अपने पास ले आए थे। करीब दो दशक से दोनों भांजे उनके पास ही रह रहे थे, मोहर ने ही दोनों की परवरिश करके बड़ा किया था। भांजों का जीवन संवारने के लिए उन्होंने शादी भी नहीं की थी। जबकि बड़े भाइयों की शादी हो गई थी। वह परिवार के साथ ही रहते थे।

रात में साथ सोया और कर दी हत्या

शुक्रवार की रात मोहर घर के नीचे वाले हिस्से में सो रहे थे। रात करीब 12 बजे पास में सोए भांजे करण सिंह ने कुल्हाड़ी से मोहर सिंह पर ताबड़तोड़ प्रहार कर दिए। मामा को मरणासन्न हालत में छोड़कर वह भाग गया। मोहर सिंह के चीखने की आवाज सुनकर स्वजन पहुंचे और एंबुलेंस से उरई अस्पताल ले गए। इस बीच रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया और अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

खून से सनी कुल्हाड़ी लेकर पहुंचा पुलिस के पास

पुलिस अधीक्षक डा. सतीश कुमार ने बताया कि आरोपित करण सिंह मामा की हत्या करने के बाद खून से सनी कुल्हाड़ी लेकर खुद ही ज्ञानभारती पुलिस चौकी पहुंच गया। ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों ने उससे पूछा तो उसने मामा की हत्या करने की जानकारी दी। किस वजह से करण सिंह ने मामा को मौत के घाट उतारा अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है।

हत्या के मामले में दो माह पहले ही छूटा जेल से

स्वजनों ने बताया कि करण सिंह मानसिक रूप से बीमार है और मध्य प्रदेश के भिंड में हत्या की वारदात को अंजाम दे चुका है। हत्या में गिरफ्तार होने के बाद दो माह पहले ही वह जेल से छूटकर आया था। एसपी ने आरोपित मानसिक रूप से विक्षिप्त बताया जाता है, मध्य प्रदेश में हत्या के एक मामले में पैरोल पर वह बाहर था।

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