चीन के बाद पाकिस्‍तानी फौज की सक्रीयता को देखते हुए भारतीय सेना भी हो गई सचेत…..

कोरोना से पैदा हालात में भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग का असर जम्मू कश्मीर में वास्तविक नियंत्रण रेखा, नियंत्रण रेखा और अंतराष्ट्रीय सीमा पर नजर आने लगा है। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इलाके में चीन ने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है तो पाकिस्तान ने सांबा व हीरानगर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अतिरिक्त सैन्य डिवीजनों को तैनात कर दिया है। इसके अलावा पाक ने तोपखाना आगे लाने के साथ विमानभेदी तोपों को तैनात किया है।

विमानभेदी तोपें तैनात की

रक्षा सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने अप्रैल से एलओसी से सटे इलाकों में गतिविधियां तेज की थीं। शुरू में इसे जम्मू कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ को सुनिश्चित बनाने की उसकी रणनीति का हिस्सा समझा जा रहा था लेकिन अब इस तैनाती ने सवाल खड़े किए हैं। पाकिस्‍तान ने तोपखाने को आगे लाया है और बीते 15 दिन के दौरान उसने नियंत्रण रेखा में विमानभेदी तोपों को भी तैनात किया है। ऐसे में पाकिस्‍तान की इस हरकत को यूं ही नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।

सबसे ज्‍यादा तोड़ा संघर्ष विराम

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना द्वारा बीते एक माह के दौरान पुंछ सेक्टर में सबसे ज्यादा बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी। उसकी इन गतिविधियों के आकलन और खुफिया रिपोर्टो के आधार पर पता चला है कि उसने यह कार्रवाई न सिर्फ घुसपैठ को सुनिश्चित बनाने के लिए की है बल्कि उसने इनके जरिए भारतीय सेना का ध्यान बंटा, अग्रिम इलाकों में सैन्य तैयारियों को गति दी है।

बस्तियों के बीच तैनात किए ऑपरेशनल केंद्र

पाक सेना ने अग्रिम नागरिक बस्तियों के बीच अपने ऑपरेशनल केंद्र भी स्थापित किए हैं। पाकिस्तान अपनी सेना के आर्डर ऑफ बैटल में आंशिक बदलाव लाया है, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि वह इसे अगले चंद दिनों में बदलने जा रही है। सूत्रों ने बताया कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार जहां पाक सेना में असामान्य हलचल हो रही है तो वहीं पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा भी इसी दौरान चीनी सेना की गतिविधियां तेज हुई हैं।

चीन भी तरेर रहा आंख

चीनी सेना के साथ तीन बार टकराव की स्थिति भी बनी है। पैंगांग झील की लहरों पर भारत और चीन के सैनिक अपनी गश्ती मोटरबोट में एक दूसरे के सामने बैनरों के साथ डटे थे। अक्साई चिन इलाके में चीन ने अपने सैनिकों की संख्या को अचानक बढ़ाया है। दो दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है। वहीं, भारत ने भी पहली बार चीन के साथ सटे इलाकों में युद्धक विमानों को उड़ाया है।

किसी भी हालात से निपटने में सक्षम

उत्तरी कमान के एक वरिष्ठ सैन्याधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर पूर्वी लद्दाख में चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार होने वाली सभी गतिविधियों पर हमारी नजर है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए समर्थ हैं। पड़ोसी मुल्कों के इरादों को देखते हुए हमने भी अपनी व्यापक तैयारी की है। जो जैसा करेगा उसे उसके हिसाब से समुचित जवाब दिया जाएगा।

चीन दबाव बनाने का कर रहा प्रयास

रक्षा मामलों के विशेषज्ञ मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) गोवर्धन सिंह जम्वाल ने कहा कि चीन हमेशा आगे बढ़ने का बहाना तलाशता है। भारत उसके लिए बड़ी चुनौती है। कोरोना संकट के चलते अमेरिका और चीन में तल्खी बढ़ी है। वहीं, भारत-अमेरिका के रिश्तों में सुधार हुआ है। चीन पूर्वोत्‍तर में ही नहीं लद्दाख के साथ सटे इलाकों में सैन्य गतिविधियां तेज कर भारत पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है।

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