साइबरक्राइम में केरल अव्वल नंबर पर, इस लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपराध भी ऑनलाइन

महामारी से जूझ रही दुनिया जहां अधिकतर काम इंटरनेट के जरिए ही निपटा रही वहीं अब अपराध भी ऑनलाइन ही होने लग गए हैं। देश के कई राज्यों से साइबर क्राइम से जुड़ी घटनाएं सामने आ रहीं हैं। इसमें केरल अव्वल नंबर पर है जहां इस लॉकडाउन की अवधि के दौरान कुल 2000 साइबर क्राइम के मामले सामने आए हैं। 

कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान केरल समेत देशभर में साइबर क्राइम में काफी इजाफा हुआ है। केरल में तो इस तरह के क्राइम का ग्राफ रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ा है। यह जानकारी आइटी सिक्योरिटी सॉल्यूशन प्रोवाइडर के 7 कंप्यूटिंग द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चला। इस रिपोर्ट में भारत में विभिन्न साइबर हमलों के बारे में विस्तृत ब्यौरा दिया गया है। वैसे तो इस तरह के अपराध पहले भी होते थे लेकिन फरवरी से मध्य अप्रैल के बीच इसके ग्राफ में अचानक बढ़ोतरी दर्ज की गई। इससे यह स्पष्ट हो गया कि दुनियाभर में जालसाजों ने महामारी से जूझ रही दुनिया का फायदा उठाने का प्लान बनाया।

केरल के कोट्टायम, कन्नूर, कोल्लम और कोच्चि  जैसे इलाकें में इस तरह के अपराध 100 से लेकर 500 तक है।  वहीं राज्यभर में लॉकडाउन की अवधि में कुल 2000 मामले सामने आए हैं। वहीं पंजाब में 207 और तमिलनाडु में 184 साइबर क्राइम के मामले हैं। इनमें सबसे अधिक फिशिंग अटैक के मामले हैं। इन मामलों में हमलावर अमेरिका के ट्रेजरी विभाग के प्रतिनिधि या  फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से होने की बात कह धोखा देता है। यूजर्स को ऐसे लुभावने लिंक भेजे जाते हैं जिसपर क्लिक करते ही ऑटोमैटिकली मालवेयर डाउनलोड हो जाता है।  उदाहरण के लिए एजेंट टेसला कीलॉगर (Agent Tesla keylogger) या लोकिबोट इंफॉर्मेशन (Lokibot information stealing malware) आदि। इसके अलावा संक्रमित कोविड-19 एंड्रायड एप जैसे कोरोनासेफ्टीमास्क (CoronaSafetyMask) आदि एप भी इसी तरह के अपराध का हिस्सा हैं।

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