श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक कुछ ही देर में होने वाली है शुरू…..

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा गठित ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ की पहली बैठक कुछ ही देर में शुरू होने वाली है। सूत्रों की मानें तो ट्रस्ट के प्रमुख के. परासरण के दिल्ली आवास पर हो रही इस बैठक में राम मंदिर के निर्माण के मुहूर्त की घोषणा की जा सकती है। यही नहीं मंदिर के नक्शे, धन की व्यवस्था और ट्रस्ट के सदस्यों की जिम्मेदारियों का भी बंटवारा किया जा सकता है। बैठक में निर्माण कार्य पूरा करने की समयसीमा निर्धारित करने के मसलों पर भी चर्चा हो सकती है।

मंदिर निर्माण से पहले राम लला को किया जाएगा शिफ्ट

अयोध्‍या, आइएएनएस। मंदिर के मुख्‍य पुजारी आचार्य सत्‍येंद्र नाथ ने कहा है कि मंदिर का निर्माण शुरू होने पर राम लला की प्रतिमा को मानस भवन के पास दूसरी साइट पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि मंदिर निर्माण कार्य के लिए मौजूदा मंदिर स्‍थल को खाली करना होगा ताकि निर्माण कार्य में बाधा न आए। मानस भवन के पास एक अस्थायी मंदिर बनाया जाएगा जहां भव्य मंदिर का निर्माण होने तक देवता विराजमान रहेंगे।

नृत्य गोपाल दास करें ट्रस्‍ट का नेतृत्‍व

नई दिल्‍ली, एएनआइ। अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ के सदस्य स्वामी गोविंद देव गिरि ने बुधवार को ट्रस्ट का नेतृत्व करने के लिए श्री रामजन्मभूमि न्यास के प्रमुख नृत्य गोपाल दास के नाम का प्रस्ताव रखा। उन्‍होंने कहा कि मैं यह कहना चाहूंगा कि दास ट्रस्ट के सबसे सम्मानित सदस्यों में से हैं। उन्हें ट्रस्ट का नेतृत्व करने के लिए कहा जाना चाहिए और हम उनका अनुसरण करेंगे। मालूम हो कि ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ में 15 सदस्य शामिल हैं।

उत्‍तर प्रदेश सरकार की ओर से दो अधिकारी भी शामिल

लखनऊ, आइएएनएस। इस बीच उत्‍तर प्रदेश सरकार की ओर से दो आइएएस अधिकारी ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ की बैठक में भाग ले रहे हैं। इन अधिकारियों में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट अनुज झा शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि उक्‍त दोनों अधिकारी ट्रस्ट में पदेन सदस्य होंगे और मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में कानून और व्यवस्था की स्थितियों की देखरेख करते हुए मदद करेंगे। सूत्रों की मानें तो बैठक में पारदर्शी तरीकों पर खास तौर पर ध्यान दिया जाएगा ताकि ‌भविष्य में किसी तरह का विवाद पैदा नहीं हो।

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