यदि चाहते है गर्भावस्था के बाद भी सेक्स का मज़ा तो कुछ इस तरह करें सेक्स

अधिकांश लोगों को आज के समय में सेक्स को लेकर इस बात को जानने के लिए उत्सुक है कि AFTER डिलीवरी सेक्स का मज़ा कैसे लिए जा सकता है तो आज हम इसी बारें में चर्चा करते है. नयी नयी मां बनी महिलाओं को डॉक्टर ये सलाह देते हैं कि प्रसव के छह हफ्ते बाद तक जब तक कि उनकी पोस्टपार्टम जांच (डिलीवरी के बाद की जांचें) न हो जाये तब तक संभोग न करें. ये समय आपके पूरी तरह से ठीक होने का मौका होता है, और लोकिया (Lochia; बचा हुआ रक्त और गर्भाशय के ऊतकों का निकलना) बंद होता है.

डिलीवरी के बाद कब सेक्स करना चाहिए:-

चाहे आपकी नार्मल डिलीवरी हो या सी-सेक्शन, आपके शरीर को ठीक होने में थोड़ा समय लगता ही है. जब तक डॉक्टर आपको सेक्स करने के लिए हामी न भर दें तब तक सेक्स करने के लिए इंतजार करना बेहतर होगा. अक्सर ये समय बच्चे के जन्म के चार से छह हफ़्तों बाद का होता है. इस समय, प्रसव के बाद होने वाले रक्तस्राव को रोकने और किसी भी प्रकार की क्षति या कटे फटे भाग के खुद ठीक करने के लिए गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) बंद होती है.

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि अन्य महत्वपूर्ण समय सीमा आपकी खुद की है. कुछ महिलाएं जन्म देने के कुछ ही हफ्तों में सेक्स करने के लिए तैयार होती हैं, जबकि कुछ को कुछ महीनों या उससे भी ज्यादा समय की आवश्यकता होती है. थकान, तनाव और दर्द का डर आदि कारक आपकी कामेच्छा पर प्रभाव डाल सकते हैं.

क्या प्रसव के बाद संभोग करने पर अलग अनुभव होता है:- प्रसव के बाद, योनि की मांसपेशियों का टोन कम हो सकता है. जिसके कारण सेक्स के दौरान सुखद अनुभव नहीं हो पाता है, जो उत्तेजना के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है. यह आमतौर पर अस्थायी है. अपनी श्रोणि क्षेत्र की मांसपेशियों को टोन करने के लिए, कीगल एक्सरसाइज करें. इसे करने के लिए सिर्फ अपनी पैल्विक मांसपेशियों को कस लें जैसे मूत्र को रोका जाता है उस प्रकार. मांसपेशियों को एक बार में 10 सेकंड के लिए संकुचित करें. रोज़ाना कम से कम तीन सेट इस एक्सरसाइज के करें.

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