आदिवासी बालाओं की हो रही तस्करी, ऐसे खुला मानव तस्करी का मामला

 Ambikapur Crime: बेहतर काम और ऊंची पगार का लालच देकर किशोरियों की तस्करी करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे ही एक मामले में आदिवासी बालिकाओं को हैदराबाद ले जाकर पुल निर्माण कार्य मे लगा दिया गया था। निर्माण सामग्री परिवहन के दौरान ट्रैक्टर पलटने से एक नाबालिग की मौत हो गई। इसके बाद आखिरकार एसपी राजेश कुकरेजा के निर्देश पर सूरजपुर की आजाक थाना पुलिस ने मध्यप्रदेश के दो मानव तस्करों के खिलाफ अनुसूचित जाति ,जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम तथा मानव तस्करी की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।

कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर बिहारपुर क्षेत्र के गांवों में सर्वे कर मानव तस्करी का आंकड़ा जुटाया जा रहा है। यह पता लगाने का प्रयास हो रहा है कि कितने बच्चों को तस्कर इस क्षेत्र से ले गए हैं। पुलिस और प्रशासन की टीम क्षेत्र में सक्रियता से जांच पड़ताल में जुटी हुई है।

दो दिन पहले बिहारपुर क्षेत्र के ग्राम रसौकी निवासी मृतक सुराजबली सिंह 15 वर्ष पिता जय सिंह का शव अचानक एम्बुलेंस से हैदराबाद से उसके घर पहुंचाया गया। तब मानव तस्करी के इस मामले का पर्दाफाश हुआ था। मृतक के साथ गांव के ही इंद्रपाल सिंह व आसपास के कुछ अन्य नाबालिगों को बीते 20 दिसम्बर को जबलपुर में दुकान में काम के बहाने ले जाया गया था।

नौ हजार स्र्पये प्रतिमाह की दर से वेतन भुगतान का आश्वासन देकर जबलपुर के बजाय मानव तस्कर मध्यप्रदेश के मकरोहर निवासी सूरज सिंह ठाकुर व बंधोरा निवासी राजकुमार ठाकुर द्वारा हैदराबाद ले जाकर पुल निर्माण कार्य में मजदूरी पर लगा दिया गया था। वहीं निर्माण सामग्री परिवहन के दौरान ट्रैक्टर पलटने से सुरजबली सिंह की मौत हो गई।

बिहारपुर क्षेत्र के एक -दो अन्य नाबालिग गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। मामले की गम्भीरता को देखते हुए कलेक्टर दीपक सोनी व एसपी राजेश कुकरेजा ने अलग अलग विभागों को जांच का जिम्मा सौंपा है। जांच में मानव तस्करी के कुछ और मामले का पर्दाफाश होने की संभावना जाहिर की जा रही है। जांच में पता चला है कि तस्करों को मजदूर सप्लाई के एवज में कमीशन के रूप में मोटी रकम मिलती है इसलिए वे बिहारपुर क्षेत्र से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को काम दिलाने का झांसा देकर बाहर ले जाते हैं।

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