अब राज्यसभा में शिवसेना के हाथों में नागरिकता बिल का भविष्य, जानें पूरा मामला…

नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में तो आसानी से पास हो गया लेकिन बुधवार को जब मोदी सरकार इसे राज्यसभा में पेश करेगी तो रास्ता आसान नहीं होगा. नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में जेडीयू, शिवसेना, बीजेडी और पूर्वोत्तर के कुछ दलों के साथ आने की वजह से लोकसभा में तो सरकार को इस बिल को पास कराने में कोई दिक्कत नहीं हुई. लेकिन शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यसभा में समर्थन देने के लिए शर्त रखकर फिलहाल मुसीबत बढ़ा दी है.

नागरिकता संशोधन विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है. इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया है.

उद्धव ठाकरे ने रखी शर्तें

उद्धव ठाकरे ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक का जो भी विरोध कर रहे हैं, उन सभी को देशद्रोही मानना भ्रम है. केवल बीजेपी ही देश का ध्यान रख सकती है ये भी भ्रम है. शरणार्थी कहां और किस प्रदेश में रखे जाएंगे. ये सारी बातें स्पष्ट होनी चाहिए. साथ ही शिवसेना ने कहा था कि शरणार्थियों को 25 साल तक वोट करने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए.

लोकसभा में शिवसेना के साथ आने के बाद लग रहा था कि राज्यसभा में सरकार को इस विधेयक को पास करने में कोई खास दिक्कत नहीं आएगी. ऐसे में अब शिवसेना प्रमुख ने जिस तरह से शर्तें रखी हैं, उसके बाद राज्यसभा में समीकरण को नए तरीके से बैठाना होगा. शिवेसना के पास भले ही 3 राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे की शर्त ऐसी है, जिसके आधार पर कई और भी दल शिवसेना के सुर में सुर मिला सकते हैं. ऐसे होता है तो मोदी सरकार के लिए राज्यसभा में पास कराने की बड़ी चुनौती होगी.

राज्यसभा में कुल सदस्य 245 हैं, लेकिन पांच सीटें रिक्त हैं, जिसके चलते फिलहाल कुल सदस्यों की संख्या 240 है. मतलब ये कि अगर सदन के सभी सदस्य मतदान करें तो बहुमत के लिए 121 वोट की जरूरत पड़ेगी.

राज्यसभा में मोदी सरकार का आंकड़ा

नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में जिन दलों ने समर्थन किया है. इस लिहाज से राज्यसभा में आंकड़ों को देखें तो यह संख्या 119 है. इनमें बीजेपी के 83, बीजेडी के 7, एआइएडीएमके के 11, अकाली दल के 3,जेडीयू के 6 वाईएसआर कांग्रेस के 2, एलजेपी के 1, आरपीआई के 1  और 4 नामित राज्यसभा सदस्य हैं.

विपक्ष के पास 100 सदस्य

नागरिकता संशोधन विधेयक पर विपक्ष का जिस तरह से रुख है. इसके बावजूद विपक्ष राज्यसभा में इस विधेयक को रोकने में बहुत मजबूत स्थिति में नजर नहीं आ रहा है. राज्यसभा में कांग्रेस के 46, टीएमसी के 13, सपा के 9, वामदल के 6 और डीएमके के 5 और आरजेडी, एनसीपी और बसपा के 4-4 सदस्य हैं. इसके अलावा टीडीपी के 2, मुस्लिम लीग के 1 पीडीपी के 2, जेडीएस के 1, केरल कांग्रेस के 1 और टीआरएस के 6 सदस्य हैं. इस तरह विपक्ष के पास 100 सदस्य होते हैं.

इन दलों पर होगी नजर

सत्ता पक्ष और विपक्ष के साथ खड़े दलों के अलावा राज्यसभा में 21 सदस्य बचते हैं. इनके रुख पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा. इनमें शिवसेना के 3, असम गण परिषद के 1, बोडोलैंड पीपुल फ्रंट के 1, एमडीएमके 1, नागा पीपुल्स के 1, पीएमके के 1 और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1 राज्यसभा सदस्य हैं. इसके अलावा 6 राज्यसभा सदस्य निर्दलीय और अन्य के हैं.

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