हांगकांग आंदोलनकारियों में है उल्‍लास वहीं इससे हांगकांग सरकार और चीन की बढ़ी मुश्किलें….

अमेरिका में हांगकांग प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आए कानून के बाद जहां आंदोलनकारियों में उल्‍लास है, वहीं इससे हांगकांग सरकार और चीन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि आखिर चीन इस अमेरिकी कानून के कितने दबाव में आता है। हांगकांग में एक हफ्त शांति रहने के बाद लोकतंत्र समर्थक सड़क पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया कि लोकतंत्र से कम कुछ भी नहीं मंजूर होगा। वहीं हांगकांग सरकार और चीन ने भी अपने स्‍टैंड साफ कर दिया है कि वह किसी कानून के दबाव में नहीं है। अगर प्रदर्शन हुआ तो सख्‍त कारवाई की जाएगी।

शांति के बाद सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी

हफ्ते भर से ज्यादा की शांति के बाद हांगकांग में लोकतंत्र की मांग कर रहे आंदोलनकारी रविवार को सड़कों पर वापस आ गए। निकाय चुनावों में मिली भारी सफलता और अमेरिका द्वारा समर्थन में बनाए गए कानून से आंदोलनकारी जोश से भरे हुए थे। एक हजार से ज्यादा आंदोलनकारियों ने जुलूस के रूप में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पहुंचकर आभार जताया।

हजारों अन्य प्रदर्शनकारियों ने पूर्व की भांति महानगर के मुख्य व्यापारिक इलाके में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने इन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। बड़ी संख्या में बुजुर्गो और आम नागरिकों ने सड़कों पर आकर हांगकांग की चीन से आजादी की मांग की। हजारों आंदोलनकारियों का प्रदर्शन सिम शा सुई व्यापार क्षेत्र में हुआ।

हांगकांग में प्रदर्शनकारियों के पक्ष अमेरिका में कानून पास

बीजिंग की आपत्तियों के बावजूद अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने बुधवार को हांगकांग में प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने वाले कानून पर हस्‍तक्षार कर दिए। ट्रंप के हस्‍ताक्षर के बाद अब हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019 बिल (Hong Kong Human Rights and Democracy Act) कानून बन गया है। यह कानून मानवाधिकारों के उल्‍लंघन पर प्रतिबंधों का उपबंध करता है।

कांग्रेन ने एक दूसरा विधेयक भी पार‍ित किया है, जिस पर ट्रंप ने भी हस्‍ताक्षर किए हैं। इसके तहत भीड़ नियंत्रण की गतिविधियों जैसे आंसू गैस, काली मिर्च, रबर बुलेट आदि को हांगकांग पुलिस के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। उधर, चीन ने इस कानून पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह इसके जवाब में कार्रवाई करेगा।

रविवार को ऐसा चला आंदोलन 

यहां पर जैसे ही पुलिस की घेराबंदी हुई, वैसे ही हिंसा की आशंका से दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हो गए। यहां पर भी कुछ बुजुर्ग लोग अपने पालतू कुत्ते लेकर प्रदर्शन स्थल पर आए, जैसे कि शनिवार को कोलून इलाके में आए थे। बाद में यहीं से एक हजार आंदोलनकारियों ने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास तक जुलूस निकाला। वहां उन्होंने हांगकांग में मानवाधिकारों के सम्मान के लिए कानून बनाए जाने के लिए अमेरिकी संसद और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आभार जताया।

व्यापारिक इलाके में इसी के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले चलाए। पुलिस ने यहां से दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया है। एशिया के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में शुमार हांगकांग में हफ्ते भर से ज्यादा की शांति के बाद रविवार को यह प्रदर्शन हुआ।

इससे पहले पॉलीटेक्निक विश्वविद्यालय में आंदोलनकारियों पर पुलिस कार्रवाई के बाद से शांति बनी हुई थी। लेकिन निकाय चुनावों में लोकतंत्र समर्थकों की जीत और पक्ष में अमेरिका के कानून बनाने से ठंडे पड़े आंदोलन को नई ऊर्जा मिली है। इसी के चलते चीन और हांगकांग सरकारों की सख्त कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद हजारों आंदोलनकारी और बुजुर्ग नागरिक भी सड़कों पर फिर उतरे हैं। आंदोलनकारियों ने छह महीने से जारी आंदोलन को जारी रखने का संकल्प जताया है।

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