
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। साल 2026 में यह पावन तिथि (Ratha Saptami 2026) 25 जनवरी को पड़ रही है। इसे ‘अचला सप्तमी’ और ‘सूर्य जयंती’ भी कहा जाता है, क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन भगवान सूर्य ने अपने दिव्य रथ के साथ प्रकट होकर पूरे जगत को प्रकाशित किया था। शास्त्रों के अनुसार, रथ सप्तमी पर सूर्य देव को सही विधि से अर्घ्य देना एक अचूक उपाय है। अगर इस दिन सूर्य उपासना की जाए, तो जातक को पूरे साल आरोग्य, अपार धन और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है, तो आइए यहां सूर्य पूजन की सही विधि जानते हैं।
अर्घ्य देने की सही विधि (Surya Arghya Rules)
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान – इस दिन सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी या घर पर ही गंगाजल मिले पानी से स्नान करें। मान्यता है कि इस दिन सिर पर आक के पत्ते रखकर स्नान करने से सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
पात्र – अर्घ्य देने के लिए हमेशा तांबे के लोटे का प्रयोग करें, क्योंकि तांबा सूर्य की धातु मानी जाती है।
जल – कलश में शुद्ध जल भरें। इसमें लाल चंदन, कुमकुम, लाल फूल, अक्षत और थोड़ा सा गुड़ मिलाएं। कहा जाता है कि गुड़ मिलाने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है।
जल चढ़ाने की मुद्रा – सूर्योदय के समय सूर्य की ओर मुख करके खड़े हों। लोटे को अपने दोनों हाथों से पकड़कर सीने के सामने रखें और धीरे-धीरे जल की धारा गिराएं।
ध्यान – ध्यान रहे कि गिरती हुई जल की धारा के बीच से सूर्य देव के दर्शन करें।
मंत्र – अर्घ्य देते समय सूर्य देव के मंत्रों का जप करें।
आरती – पूजा का समापन आरती से करें।
पूजन मंत्र (Ratha Saptami 2026 Pujan Mantra)
“ॐ घृणि सूर्याय नमः”
“एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहाणार्घ्यं दिवाकर॥”
अर्घ्य के दौरान न करें ये गलतियां (Surya Arghya Me Na Karen Ye Galti)
अर्घ्य देते समय जल की धारा आपके पैरों पर नहीं गिरनी चाहिए। इसके लिए नीचे कोई गमला या बर्तन रख लें, बाद में उस जल को किसी पौधे की जड़ में डाल दें।
अर्घ्य देते समय चप्पल न पहनें, नंगे पैर रहकर ही पूजा करें।
कभी भी बिना स्नान किए सूर्य को जल न चढ़ाएं।
रथ सप्तमी का महत्व (Ratha Saptami 2026 Significance)
रथ सप्तमी पर सूर्य आराधना करने से भगवान सूर्य की विशेष कृपा मिलती है। यह दिन उन लोगों के लिए विशेष है, जो लंबे समय से बीमार हैं या जिन्हें करियर में सफलता नहीं मिल रही है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य देव की कृपा से सभी कामों में विजय और सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है।