स्वच्छता रैंकिंग: देश के टॉप 20 शहरों में बरेली ने बनाई जगह, पहली बार मिला वाटर प्लस सर्टिफिकेशन
स्वच्छता रैंकिंग में बरेली नगर निगम के साथ ही आम जनता भी परीक्षा पास हो गई, देश के टॉप 20 शहरों में जगह बना ली। तीन से दस लाख की आबादी वाली श्रेणी में बरेली शहर ने 60 सीढ़ियां चढ़कर देश में 20वां स्थान पाया है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, कूड़ा निस्तारण, सार्वजनिक शौचालय बढ़ाने और जगह-जगह कचरा फेंकने पर कार्रवाई करके यह संभव हो पाया।
देश में स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई और पहली बार 2017 में रैंकिंग जारी हुई तो बरेली को 298वां स्थान मिला था। इसमें कमोबेश सुधार ही होता गया, एक-दो बार जरूर झटका लगा था। तब रैंकिंग में मामूली ही उतार-चढ़ाव था, मगर इस बार उछाल 60 पायदान का हुआ तो नगर निगम ने बड़ी उपलब्धि हासिल की।
इन शहरों को पीछे छोड़ा
गार्बेज फ्री (कचरा मुक्त शहर) की रैंकिंग में दूसरी बार एक स्टार भी मिला है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, वाटर प्लस के मानकों पर बरेली ने अलीगढ़, मेरठ, अयोध्या, शाहजहांपुर नगर निगम को पीछे छोड़ा है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाकर नदी-नालों तक जाने वाले गंदे पानी को साफ करके उपयोगी बनाया गया है।सीवर लाइन से शहर के अधिकतर हिस्सों को जोड़ा गया। नालों की सफाई व्यवस्था बेहतर रही। इसी कारण बरेली को वाटर प्लस सर्टिफिकेशन मिला। स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग दिल्ली में आयोजित समारोह में घोषित की गई। बरेली से अपर नगर आयुक्त शशिभूषण राय समारोह में शामिल हुए।
ऐसे सुधरी रैंकिंग
डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने में 2023 में 98 अब 100 प्रतिशत अंक
कूड़ा निस्तारण में पिछली बार 48, इस बार 73 प्रतिशत अंक
सार्वजनिक शौचालयों की स्वच्छता में 90 से 95 प्रतिशत पर पहुंचे
आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों की स्वच्छता में 88 से बढ़कर 100 प्रतिशत पर पहुंचे
तालाबों की स्वच्छता बनाए रखने में शत प्रतिशत अंक बनाए रखे
जगह-जगह कचरा फेंकने से रोकने पर गार्बेज फ्री का स्टार मिला
पहली बार आईईसी टीम ने सभी वार्डों में जागरूकता कार्यक्रम किए, जनभागीदारी बढ़ी
ये काम होते तो और बढ़ती रैंकिंग
कचरा मुक्त शहर बनाने के लिए सात स्टार रैंकिंग का प्रावधान है पर बरेली दूसरे साल भी एक स्टार पर ही अटका रहा।
ओडीएफ डबल प्लस का सर्टिफिकेट मिल चुका है पर स्मार्ट सिटी के सभी सार्वजनिक शौचालय संचालित नहीं हैं।
वर्षों सें बाकरगंज में एकत्रित कूड़े का निस्तारण पूरा नहीं हुआ। सराय तलफी में एकत्रित कूड़े का निस्तारण शुरू नहीं हो सका।
गीला और सूखा कूड़ा सब जगह अलग-अलग एकत्रित नहीं हुआ।
कूड़ा पृथक्करण में इस बार 46 अंक घट गए।
शहर में दस एमआरएफ सेंटर हैं, अधिकतर बंद पड़े।
40 पोर्टा केबिन खाली खड़े रहे, अगर संचालित होते तो रैंकिंग बढ़ती।
खुले डलावघर शहर की सुंदरता पर दाग बने रहे। रैंकिंग को भी प्रभावित किया।
यूं ऊपर बढ़ती गई रैंकिंग
2024 20
2023 80
2022 137
2021 153
2020 149
2019 117
2018 322
2017 298
बरेली को मिले 9913 अंक
पिछले साल 9,500 अंकों के आधार पर रैंकिंग दी गई थी। इस बार मूल्यांकन 12,500 अंकों के आधार पर किया गया। बरेली को 9913 अंक मिले। मूल्यांकन को कई हिस्सों में बांटा गया। पहले और दूसरे चरण में स्वच्छता संबंधी नगर निगम के दावों का सत्यापन किया गया। मौके का निरीक्षण, नागरिकों के फीडबैक और मूल्यांकन को महत्व दिया गया। इसके बाद नवाचार में नागरिक सहभागिता को देखा गया। नवाचार में रात में स्वच्छता चौपाल की गईं। चौराहों पर कबाड़ से सुंदर आकृतियां बनाईं गईं।
स्वच्छता जागरूकता टीम का हौसला बढ़ाया
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने स्वच्छता जागरूकता में लगी आईईसी टीम का हौसला बढ़ाया। टीम के सदस्यों से कहा कि मेहनत करते रहें, ताकि शहर का स्थान और अच्छा किया जा सके।
पांच श्रेणियों में हुआ आकलन
स्वच्छ सर्वेक्षण में पहली बार पांच श्रेणियां बनीं। छोटे शहर दो श्रेणियों में हैं। इसमें पहली श्रेणी में 20 हजार से कम व दूसरी में 20 से 50 हजार आबादी वाले शहर शामिल हैं। 50 हजार से तीन लाख आबादी वाले मध्यम और तीन से 10 लाख आबादी वाले बड़े शहर की श्रेणी में हैं। दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर मिलियन प्लस श्रेणी में हैं।
टॉप 10 में आना लक्ष्य
महापौर उमेश गौतम ने कहा कि हाल में ही वायु प्रदूषण कम करने में उल्लेखनीय सफलता मिली। अब स्वच्छता सर्वेक्षण में भी जनता के सहयोग से शहर की रैंकिंग सुधरी है। अब बरेली को स्वच्छ सर्वेक्षण में पहले स्थान की ओर ले जाने के लिए काम करेंगे।
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि अच्छे परिणाम के लिए निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ शहर के आम लोग भी बधाई के पात्र हैं। उनके सहयोग के बिना कुछ भी संभव नहीं। अब शीर्ष-10 में आने का लक्ष्य है। इसके लिए अभी से तैयारियां करनी होंगी। जीरो वेस्ट वार्ड बनाने की दिशा में काम शुरू भी हो गया है।