मरांडी की शिकायत पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कसा तंज…

इधर,विकासनगर से भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान इस मामले में सीएम के साथ खड़े नजर आए। उन्होंने कहा कि जिन दलों और नेताओं को जनता ने खारिज कर दिया हो और वो केवल झूठ फैलाकर समझते हों कि उनका रिवाइवल होगा, वे अपनी गलतफहमी को दूर कर लें। भाजपा किसी कोने में बैठने वाला राजनीतिक दल नहीं है। देश के 80 फीसदी भूभाग पर उसकी सरकारें हैं। भाजपा का कोई नेता किसी भी अनैतिक तरीके का सहारा लेकर किसी हॉर्स ट्रेडिंग में यकीन नहीं करता है।
ये है मामला
झारखंड में 2014 में हुए विस चुनाव का नतीजा आने के बाद बाबूलाल मंराड़ी की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के छह विधायकों ने भाजपा के पक्ष में पाला बदल लिया था। अब चार साल बाद मरांडी ने झारखंड के राज्यपाल को दी एक शिकायत में कहा है उनकी पार्टी के छह विधायकों को त्रिवेंद्र सिंह रावत के कहने पर खरीदा गया। उत्तराखंड के मौजूदा सीएम त्रिवेंद्र उस वक्त झारखंड भाजपा के प्रभारी थे। मरांडी ने इस शिकायत के साथ झारखंड भाजपा के अध्यक्ष का एक कथित पत्र भी लगाया है। इसमें लिखा है कि किस विधायक को कितने पैसे देकर भाजपा के प्रति निष्ठावान बना लिया गया है।
मानहानि के दावे की तैयारी
जानकारी के मुताबिक इस घटनाक्रम का भाजपा आक्रामक तेवर में जवाब देेने की तैयारी में हैं। इस मामले से जुड़े विधायक शिकायतकर्ता पर मानहानि के दावे ठोक सकते हैं। इसकी तैयारी हो रही है। खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत भी इस मामले में मानहानि का दावा ठोकने की बात कहते हैं। इस आक्रामकता के पीछे वजह यह है कि झारखंड भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष रवीन्द्र राय के जिस पत्र को आधार बनाकर शिकायत की गई है, उसकी सत्यता संदिग्ध है। यह भी जानकारी मिली है कि यह पत्र कई मीडिया हाउस तक पहुंचा था। एक बड़े मीडिया हाउस ने यह खबर प्रकाशित करने का मन भी बना लिया। सत्यता जांचने के लिए रवीन्द्र राय की हस्तलिपि और पत्र पर अंकित हस्तलिपि की हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई गई, मगर उनका मिलान नहीं हो सका।