भारतीय खाद्य निगम में बलात्कार के आरोपी को दी जा रही महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां

भारतीय खाद्य निगम में बलात्कार के आरोपी एम एस भुल्लर के रसूख के सामने पूरा विभाग नतमस्तक है। भुल्लर के कद और रसूख के सामने खाद्य निगम की नीति भी मायने नहीं रखती। भुल्लर के ऊपर जब बलात्कार का आरोप लगा तब से लेकर आज तक तमाम बड़े अधिकारी उसे बचाने में लगे हुए हैं।

  • शिकायतकर्ता महिला को आवाज उठाने पर कर दिया गया निलंबित
  • खाद्य निगम के कई आला अधिकारी डाल रहे भुल्लर के गुनाहों पर पर्दा

जहां एक तरफ केंद्र सरकार लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन में है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय खाद्य निगम में बलात्कार के आरोपी आज भी मलाईदार कुर्सी पर बैठे हुए हैं। विभाग की ही क्लास 1 महिला अफसर की तरफ से बलात्कार की एफ आई आर 2018 में दर्ज कराई गई। बावजूद इसके विभाग की तरफ से भुल्लर के ऊपर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई । 2018 से लेकर आज तक महिला न्याय की गुहार लगा रही है लेकिन एमएस भुल्लर पैसे के दम पर अपनी कुर्सी पर बना हुए हैं।

महिला का नाम साझा तो नहीं किया जा सकता परन्तु वह भी भारतीय खाद्य निगम में क्लास वन अफसर है । जिसमे एसएम भुल्लर पर बलात्कार की एफआइआर कराई है। महिला को इस बात की उम्मीद थी कि विभाग और केंद्र सरकार उसकी मदद करेगी लेकिन अपने तिकड़म और रसूख के चलते एसएम भुल्लर का कोई भी बाल बांका नहीं कर सका। महिला के f.i.r दर्ज़ करने के बाद प्रबंधन ने ms भुल्लर पर कार्रवाई तो नहीं की बल्कि भुल्लर को महत्वपूर्ण कार्यों की ज़िम्मेदारी उसे सौंप दी।

अकूत संपत्ति के मलिक भुल्लर के खिलाफ किसी तरह की जांच तो नहीं हुई बल्कि शिकायतकर्ता महिला का पहले तबादला किया गया और बाद में उसे सस्पेंड कर दिया गया। इस संबंध में महिला ने कई शिकायतें की परंतु उन्हें अनसुना कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इस पूरे प्रकरण में एमएस भुल्लर का साथ देने वाले राजगोपाल जीएम क्यूसी, सौरभ चौरसिया जी एम आर पी आई , देवेश यादव जी एम पर्सनल और अनिल ढिल्लों डीजीएमई 1 के साथ ही बृजेश जी एम e1 शामिल है। यह वही अधिकारी हैं जो लगातार भुल्लर को बचाने के लिए विभाग के आला तरीन अफसरों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।

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