बिहार की राजनिति: बिहार से जंगलराज का दाग मिटने नहीं दे रहे नेता, एक से बढ़कर एक गढ़े जा रहे नारे

बिहार से जंगलराज और महाजंगलराज का दाग मिट नहीं रहा या यूं कहें कि पक्ष-विपक्ष इसे मिटने नहीं दे रहे हैं। विधान सभा चुनाव के दौरान ही पक्ष -विपक्ष ने जंगलराज और महाजंगलराज का जो अलाप शुरू किया, वह अब तक कंटीन्‍यू है। नेता प्रतिपक्ष तकरीबन रोज ही अखबारों  में छपी अपराध की न्‍यूज क्लिपिंग्‍स के साथ सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहते हैं  कि महाजंगलराज  के  महाराजा मौन क्‍यों  हैं ? फिर पूछते हैं  कि क्‍या इसका जवाब भी पचास वर्ष  पहले के मुख्‍यमंत्री देंगे ?

इसपर  नीतीश  कुमार तो  मौन ही रहते  हैं मगर जदयू के प्रवक्‍ता  जोरदार पलटवार करते हैं। रोज एक-दूसरे की  काट ढ़ूंढ़ी जाती है और फिर नए सिरे से  हमले किए जाते हैं। सुनिश्‍चित किया  जाता है   कि   हमला पहले   से जोरदार हो, जिससे तिलमिलाहट  जरूर हो ।

पटनाहाईकोर्ट ने भी ‘ जंगलराज’ कहा था

इसी कड़ी  में जदयू प्रवक्‍ता नीरज कुमार ने 17 जुलाई 1997 की पटना हाईकोर्ट की टिप्‍पणी को हाइलाइट करते हुए ट्वीट किया है कि जिसे जनता आतंकराज कहती थी उसे जंगलराज की संक्षा किसी और ने नहीं बल्कि पटना हाईकोर्ट ने पहली बार 1997 में दी थी । नीरज ने नेता प्रतिपक्ष और लालू प्रसाद यादव को भी कई विशेषणों जैसे अबोध बालक, सजायाफ्ता 420 जैसे विशेषणों से नवाजा है।

एक से बढ़कर एक नारे गढ़े जा रहे

नेता प्रतपिक्ष ने अखबारों की न्‍यूज क्लिपिंग की फोटो के साथ ट्वीट किया  ‘ लूट से बनी लुटेरी सरकार में लुटेरों और गंडों की अपार बहार है।  महाजंगलराज का महाराजा और उनका संरक्षक अपराध की इस बहार पर मौन क्‍यों ? राजद के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर भी जंगलराज पर किए गए ट्वीट्स की भरमार है। एक बानगी है- राजद की ओर से कहा गया कि राजद सरकार में साइकिल का टायर भी फट जाए तो उसे जंगलराज कहते हैं। फिर सवाल दागा गया है कि मंगलराज/रामराज किसे कहते हैं ?

जवाब भी खुद ही दिया जाता है कि जब बीजेपी-जदयू सरकार में हो, 24 घंटे में 57 हत्‍या, करोड़ों की लूट, अपहरण, बलात्‍कार औश्र दर्जनों अपराध हों तो उसे मंगलराज कहते हैं।

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