लाकडाउन अलर्ट
डॉक्टरों के मुताबिक दवाओं का सेवन व दिनचर्या दुरुस्त करके किया जा सकता है इस बीमारी पर कंट्रोल
लखनऊ 30 अप्रैल 2020
एक महीने से चल रहे लाकडाउन के कारण ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों की दिनचर्या बिगड़ गई है। डायबिटीज के मरीजों के लिए मार्निंग वाक रामवाण की तरह होती है लेकिन लाकडाउन के कारण नहीं हो पा रही है। दिनचर्या बिगड़ जाने से खानपान पर नियंत्रित नहीं रह गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटक मरीजों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
राजकीय आयुर्वेद संस्थान एवं अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डा. मंदीप जायसवाल के अनुसार डायबिटीज से पीड़ित रोगियों को इस समय ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। डायबिटीज से ग्रसित लोगों को हल्का व आधा पेट भोजन करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सुबह का नाश्ता भरपूर करना चाहिए। रात का खाना आठ बजे से पहले तथा आधा पेट करना चाहिए तथा रात के खाने के दो घंटे बाद ही सोना चाहिए। खाने के आधे घंटे बाद 100 से 200 कदम टहलना चाहिए।
डॉ. जायसवाल के मुताबिक शुगर पेशेंट को डायबिटीज की दवाओं का नियमित सेवन करना चाहिए। आज के समय में बाहर टहलने की मनाही है इसलिए घर पर ही टहलें। कब्ज न हो, इसका विशेष ध्यान रखना है। इसके लिए खाना खाने के एक घंटे बाद गुनगुने पानी का सेवन करें। यदि दवा की जरूरत है तो भोजन करने से पहले हिंगवाष्टक चूर्ण तथा भोजन करने के एक घंटे बाद त्रिफला चूर्ण/क्वाथ का सेवन अवश्य करें।
उन्होंने बताया कि भोजन से एक घंटे पहले हरिद्रा, आमलकी, दालचीनी, गिलोय, मेथी, चिरायता को बराबर मात्रा में मिलाकर इसका चूर्ण बनाकर लगातार सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रित रहती है। यदि शुगर बढ़ी है तो भोजन करने के एक घंटे बाद निशाकथाकादि कषाय/ फलाकत्रादि कषाय का सेवन करने से डायबिटीज को नियंत्रित करने में सुविधा मिलती है परन्तु उचित निर्दिष्ट आहार–विहार का पालन अवश्य करना चाहिए।
डॉ. जायसवाल के अनुसार डायबिटीज में विशेष रूप से दूध तथा दूध के अन्य विकार (पनीर इत्यादि) तथा दही आदि भी कम मात्रा में और जहाँ तक संभव हो दोपहर से पहले लेने चाहिए। फिर भी डायबिटीज नियंत्रित नहीं हो रहा है तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
डा. जायसवाल बताते हैं-यदि हम एलोपैथिक दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो निगरानी जरूरी होती है क्योंकि शरीर में प्रतिक्रियाएँ बढ़ जाती हैं। ऐसे में हमें एलोपैथिक दवाओं की डोज कम करने की आवश्यकता होती है। जिन लोगों में एलोपैथिक दवाओं से डायबिटीज कंट्रोल नहीं होती है उनमें एलोपैथिक दवाओं के साथ आयुर्वेद की दवाओं को देने से कण्ट्रोल हो जाती है।