जनरल कासिम सुलैमानी की याद में कैण्डिल मार्च निकाला गया।

लखनऊ।
ईरान की आईआरजीसी कुद्स फोर्स के कमाण्डर रहे जनरल कासिम सुलैमानी, इराक की कताइब हिजबुल्लाह के कमाण्डर अबू मेहदी अल मोहन्दिस सहित अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए सोमवार को हरदोई रोड के सरफराजगंज में कैण्डिल मार्च निकाला गया। वहीं हुसैनाबाद स्थित छोटे इमामबाड़े सहित अन्य इमामबाड़ों में ईसाले सवाब के लिए मजलिसों का आयोजन किया गया।
हरदोई रोड के सरफराजगंज स्थित रौजए हजरत अली से स्थानीय नागरिकों ने उलमा के नेतृत्व में कैण्डिल मार्च निकाला। कैण्डिल मार्च बिल्कीस जहां के इमामबाड़े होता हुआ एरा रोड स्थित बिल्कीस जहां की मस्जिद से वापस रौजए हजरत अली पहुंच कर सम्पन्न हुआ। मार्च में सैकड़ों की संख्या में स्थानीय नागरिकों ने जनरल कासिम सुलैमानी, आयतुल्लाह खामेनाई, आयतुल्लाह सीस्तानी की तस्वीरों और डाउन विद अमेरिका जैसे नारे लिखी तख्तियों के साथ शामिल हुए। रौजए हजरत अली के बाहर सड़क पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए मौलाना सईदुल हसन नकवी ने कहा कि शहीद जनरल कासिम सुलैमानी साम्राज्यवाद के विरोधी और मजलूमों के समर्थक थे। यही वजह है कि अमेरिका जैसी साम्राज्यवादी ताकत ने उन्हें आतंकी हमले में शहीद किया। उन्होंने आईएसआईएस जैसे खूंखार आतंकी संगठन से जंग कर पूरी दुनिया की हिफाजत करने का काम किया। यही वजह है कि आज दुनिया के तमाम मुल्कों में उनकी शहादत पर प्रदर्शन और सभाएं हो रही हैं। मौलाना ने कहा कि शहीद जनरल कासिम को आईएस का खात्मा कर विश्व में शांति कायम करने के लिए शांति का नोबल पुरस्कार मिलना चाहिए। जीशान आजमी ने जनरल कासिम सुलैमानी के जीवन पर रोशनी डाली। मौलाना हैदर अब्बास दानिश ने कहा कि आईएस अगर इराक और सीरिया में कामयाब होता तो उसकी योजना हिन्दुस्तान सहित पूरे विश्व पर अपना कब्जा करना था। जनरल सुलैमानी ने कुलभूषण जाधव प्रकरण में भी हिन्दुस्तान का साथ दिया। आईएस को अमेरिका ने खड़ा किया और जनरल सुलैमानी ने उसे खत्म किया, यही वजह है कि अमेरिका ने उन्हें आतंकी हमले में शहीद किया। प्रदर्शन में छोटे-छोटे बच्चे अपने हाथों में अमेरिका विरोधी नारे लिखी तख्तियां लिए हुए थे। इसके अलावा तंजीमे खुद्दामे रिजा की ओर से हुसैनाबाद स्थित छोटे इमामबाड़े में मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस को मौलाना हैदर अब्बास ने खिताब किया। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने जनरल कासिम सुलैमानी के जीवन पर रोशनी डालते हुए आतंकी संगठन आईएस के खात्मे के लिए उनके प्रयासों का जिक्र किया। वहीं राधा ग्राम के मिस्री की बगिया स्थित मस्जिद में भी मजलिस का आयोजन किया गया।

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