चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग दे रहे हैं, सेना को विश्वस्तरीय बनाने पर जोर
बीजिंग। दुनिया की सबसे बड़ी सेना चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) खुद को विश्वस्तरीय बनाने जा रही है। इसके लिए नए युग के सैन्य प्रशिक्षण का खाका जारी किया गया है। इसे राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता वाले केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने मंजूरी दे दी है।
साल 2013 में सत्ता में आने के बाद से चिनफिंग देश की 23 लाख सैनिकों वाली सेना को युद्ध जीतने के लिए असली लड़ाई जैसा प्रशिक्षण देने पर जोर दे रहे हैं। इसी का परिणाम है कि पीएलए, नौसेना और वायुसेना तिब्बत के साथ ही विवादित दक्षिण चीन सागर और ताइवान के समीप व्यापक सैन्य अभ्यास करती रहती है। इसके अलावा चिनफिंग ने पीएलए की कमान संरचना में भी भारी बदलाव किया है।
सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, सेना को और मजबूत बनाने पर केंद्रित इस खाका में नए प्रशिक्षण पर ध्यान दिया गया है। इसमें पीएलए की युद्ध क्षमता, युद्ध के हालात में प्रशिक्षण और संयुक्त प्रशिक्षण पर जोर है। नई प्रशिक्षण नियमावली में एक मानक प्रणाली तैयार की गई है। इसमें प्रशिक्षण के लिए विभिन्न स्तरों के सैनिकों और विभिन्न क्षेत्रों के लिए आधुनिक युद्ध के तौर-तरीकों को आधार बनाया गया है।
2035 तक आधुनिकीकरण का लक्ष्य
प्रशिक्षण की नई रूपरेखा में पीएलए केलिए यह मिशन बनाया गया है कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और बलों का 2035 तक आधुनिकीकरण कर दिया जाए। इसके अलावा 2050 तक चीनी सेना को विश्वस्तरीय बल में परिवर्तित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।