सावधान! आज बीमार होना मना है: हड़ताल पर हैं धरती के भगवान, मरीज परेशान
लोकसभा द्वारा पारित राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) बिल के विरोध में प्रदेश के डॉक्टर बुधवार की सुबह से एक दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों के अनुसार इस दौरान आपातकालीन मरीजों को देखा जा रहा है, लेकिन अस्पतालों में मरीज परेशान हैं। धरती के भगवानों (डॉक्टरों) की हड़ताल की वजह से खासकर राजधानी के पटना मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (पीएमसीएच) व इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) सहित राज्य के बड़े अस्पतालों में मरीज अधिक परेशान हैं।
एनएमसी बिल के खिलाफ हड़ताल
देश भर के डॉक्टर लोकसभा से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक, 2019 पास होने के खिलाफ बुधवार को हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्टरों के अखिल भारतीय संगठन इंडियन मेडिकज एसोशिएशन (आइएमए) के आह्वान पर सुबह से ही सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में काम बंद है। हालांकि, आपातकालीन विभाग (इमरजेंसी) खुले हैं। डॉक्टरों ने एनएमसी बिल को डॉक्टर और मरीज विरोधी बताया है। उन्होंने कहा है कि वे किसी भी हालत में बिन को राज्यसभा में पास नहीं होने देंगे।
डॉक्टरों ने कहा है कि इस बिल से मेडिकल साइंस को गिरवी रख दिया गया है। इस बिल के पास होने के बाद सीट बेचे जाएंगे। इतना ही नहीं, नन मेडिकल क्वैक्स को मॉडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस की अनुमति भी मिल जाएगी।
हड़ताल से चरमराई पटना की स्वास्थ्य व्यवस्था
राजधानी पटना में डॉक्टरों की ह़ड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। दूर-दराज से आए मरीजों को अस्पतालों से वापस लौटना पड़ रहा है। पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, न्यू गार्डिनर और राजवंशी नगर अस्पताल के आपतकालीन विभागों में मरीज देखे जा रहे हैं। आइजीआइएमएस की ओपीडी में मरीजों की लंबी कतार लगी दिखी।
मुजफ्फरपुर व दरभंगा-समस्तीपुर में काम प्रभावित
मुजफ्फरपुर में श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसकेएमसीएच) सहित सभी अस्पतालों में डॉक्टर सुबह से 24 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं। दरभंगा में भी दरभंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (डीएमसीएच) सहित सभी अस्पतालों में मरीज परेशान हैं। डीएमसीएच के पीजी डॉक्टरों ने सुबह में ओपीडी को बंद कर दिया।
हड़ताली डॉक्टरों ने डीएमसीएच में गायनिक वार्ड के ओपीडी और लेबर रूम को भी बंद करा दिया गया है। इससे ओपीडी में पहुंचे मरीजों को लौटना पड़ा। दरभंगा के जयनारायण मंडल (63) बाएं हाथ का प्लास्टर कटवाने आए थे, लेकिन हड़ताल की वजह से निराश हो गए। हड़ताल का असर समस्तीपुर में भी देखा जा रहा है।