इस फिल्मकार ने कहा-पद्मावत के विरोध के पीछे है बड़ी राजनीतिक साजिश
प्रख्यात फिल्मकार श्याम बेनेगल को फिल्म ‘पद्मावत’ के विरोध के पीछे गहरी राजनीतिक साजिश नजर आती है। उनका कहना है कि फिल्म को लेकर जो कुछ हो रहा है उसमें गहरी राजनीतिक साजिश दिखती है। हिंसात्मक विरोध का फिल्म के विषय से कोई लेना-देना नहीं है। यह राजपूत वोट बैंक के तुष्टीकरण का प्रयास है। फिल्म विरोध के नाम पर खुले आम धमकियां दी जा रही हैं।
स्कूली बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है पर कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?’ ज्ञात हो, बेनेगल ने 1988 में दूरदर्शन के लिए भारत एक खोज धारावाहिक का निर्माण किया था। इसमें दिल्ली सल्तनत के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी का चित्तौड़ की रानी पद्मावत के प्रति पागलपन भरे एकतरफा प्रेम की कहानी पेश की गई थी। बेनेगल ने शुक्रवार को कहा, आप समझिए कि संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर हो रहा विरोध सहिष्णुता और असहिष्णुता का मामला नहीं है।
यह पूरी तरह अलग मामला है। उन्होंने कहा, मैंने,1988 में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘भारत एक खोज’ के लिए विभिन्न कथाओं पर एपीसोड बनाए थे। इसी क्रम में मलिक मोहम्मद जायसी की काव्य रचना पद्मावत को छोटे पर्दे पर पेश किया था। जायसी की कविता के मुताबिक ही कहानी का तानाबाना बुना और उसे बिना कांट-छांट के फिल्माया था।
दिवंगत अभिनेता ओम पुरी ने उसमें अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका निभाई थी। उस समय तो इसका कोई विरोध नहीं हुआ था। हालांकि मैंने भंसाली की फिल्म को अभी तक नहीं देखा है, लेकिन मेरा मानना है कि उन्होंने अपनी फिल्म में ‘भारत एक खोज’ के पद्मावत वाले एपिसोड को ही रखा होगा। बेनेगल ने कहा, संजय लीला भंसाली उस धारावाहिक के निर्माण के समय सहायक निर्देशक थे। उनकी बहन बेला और बहनोई दीपल सहगल ने संपादन की जिम्मेदारी निभाई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या आज के दौर में वह इस विषय पर फिल्म बनाने में हिचकेंगे, बेनेगल ने कहा, कतई नहीं। मैं जब किसी विषय को फिल्म बनाना शुरू करता हूं तो इन सब बातों को तवज्जो नहीं देता।
– स्कूली बच्चों को निशाना बनाने वालों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया
– विरोध के नाम पर हिंसा के जरिये राजपूत वोट बैंक के तुष्टीकरण का प्रयास