तो इसलिए कॉकरोच के दूध को लेकर दुनिया भर के लोग हो रहे है पागल, कारण जानकर हिल जाओगे.
स्वास्थ्य के प्रति चरम दीवानगी को लेकर लोग चरम सीमा तक जाने के तैयार रहते हैं। मगर, इस बार उन्हें जिस चीज की दीवानगी है, वह है कॉकरोच का दूध। सुनकर ही शायद आपके रोंगटे खड़े हो जाएं या घिन आने लगे। मगर, यह सच है। इंसानों के लिए पैसेफिक बीटली कॉकारोच का दूध प्रोटीन सप्लीमेंट्स का अच्छा सोर्स हो सकता है। अन्य कॉकरोच जहां अंडे देते हैं, वहीं पैसेफिक बीटली कॉकरोच सीधे बच्चों को जन्म देते हैं।
कॉकरोच की यह प्रजाति शिशुओं के लिए भोजन के रूप में प्रोटीन क्रिस्टल का उपयोग करती है। मगर, नए शोध से पता चलता है कि यह क्रिस्टल मनुष्यों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह सबसे पौष्टिक और अत्यधिक कैलोरी वाला पदार्थ है। बताया जा रहा है कि इसमें गाय के दूध से चार गुना अधिक प्रोटीन होता है। इसके साथ ही इसमें आवश्यक अमीनो एसिड भी होते हैं, जो कोशिका वृद्धि करते हैं। यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं और इसमें मौजूद शर्करा शरीर को ईंधन ऊर्जा देती हैं।
हालांकि, इस विशेष तरल में ग्रोथ हार्मोन का स्तर अज्ञात है। ऐसे सबूत हैं, जो बताते हैं कि ग्रोथ हार्मोन की वजह से कुछ व्यक्तियों में मुंहासे की समस्या हो सकती है। वहीं, चीनी का उच्च स्तर भी त्वचा के स्वास्थ्य और सौंदर्य के मामले में इसे खराब विकल्प बना सकता है, क्योंकि हम जानते हैं कि उच्च चीनी वास्तव में त्वचा की उम्र बढ़ने में तेजी लाती हैं।
हालांकि, क्रिस्टल में मौजूद प्रोटीन और वसा अच्छे बालों और नाखूनों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण घटक साबित हो सकते हैं। वैज्ञानिक उस वक्त चकित रह गए जब उन्होंने तिलचट्टों के भ्रूण के अंदर प्रोटीन क्रिस्टल्स की खोज की। भारत, फ्रांस, जापान, कनाडा और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इन अमेरिका के वैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि कॉकरोच के मिल्क क्रिस्टल्स में पाया जाने वाला सघन पदार्थ में उतनी ही ऊर्जा थी, जितनी गाय के दूध में होती है।