155 फीट लंबी सुरंग खोदी और 3 महीने में चुराया 1 लाख लीटर से ज्यादा पेट्रोल
द्वारका के सूरज विहार इलाके में चोरी का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे. यह चोरी किसी घर या दुकान में की गई कोई आम चोरी की घटना नहीं थी, बल्कि शातिर और हाईटेक चोरों द्वारा जमीन में कई फीट नीचे मौजूद इंडियन ऑयल की मेन पाइपलाइन से हजारों लीटर पेट्रोलियम पदार्थ चुराए जाने की घटना हैै. इस चोरी को अंजाम देने के लिए चोरों ने एक खाली पड़े प्लॉट को चुना. यहांं उन्होंने करीब 155 फुट लंबी सुरंग खोदकर उसे पाइपलाइन से जोड़ा था, जिसके बाद पिछले तीन महीने से इंडियन ऑयल की पाईपलाइन से रोजाना करीब 1500 लीटर पेट्रोल चुराया जा रहा था. इस घटना का खुलासा तब हुआ, जब मंगलवार देर रात सुरंग में गैस का दबाव बढ़ने से ब्लास्ट हो गया और लोग दहशत में आ गए.
अब जानिए कैसे दिया गया था चोरी को अंजाम…
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दरअसल, जब सुरंग की जांच की गई थी तो जांच एजेंसियों को पता चला कि करीब 5 लोगों ने पांच माह पहले वाहनों के बंपर सही करने का काम करने के लिए एक खाली प्लॉट को किराए पर लिया था. इस प्लॉट में एक छोटा सा कमरा था. यहां इन बदमाशों ने लगातार दो महीने तक 8 फीट गहरा और करीब 4 फीट चौड़ा गड्ढा खोदा. इसके बाद उन्होंने पास से गुजर रही इंडियन ऑयल की पाइपलाइन तक सुरंग खोद डाली. जब सुरंग पाइपलान तक पहुंच गई तो बदमाशों ने पाइपलान में छेद करके अपनी पाइपलाइन इसमें जोड़ दी.
ऐसे हुआ खुलासा…
इसके बाद वे रोजाना करीब 1500 लीटर पेट्रोलियम पदार्थ चुराते, जिसे 500-500 लीटर की तीन टंकियों में भरा जाता और एक एक टैंपो के जरिए उसे वहां से ले जाया जाता था. इस घटना के बारे में किसी को पता न चले, इसके लिए इस सुरंग के ऊपर सोफा, ईंट और पत्थर रख दिए गए थे. इसी वजह से सुरंग में गैस का दबाव बन गया और उसमें धमाका हो गया. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उसने एक आरोपी को दबोच लिया. जांच में पता चला करीब 155 फीट लंबी यह सुरंग इलाके के कई घरों से होकर गुजर रही थी.
प्रेशर सिस्टम कम होने पर पता चल जाता है कि लीकेज या गड़बड कहां है…
इस बारे में इंडियन ऑयल के कॉरपोरेट हेड एम काली कृष्णा से मीडिया से कहा कि हमारा पाइपलाइन सिस्टम काफी विस्तृत है और किसी भी जगह प्रेशर सिस्टम कम होने पर हमें इस बात का पता चल जाता है कि लीकेज या गड़बड कहां है. हालांकि उन्होंने यह बात भी कही कि प्रेशर की मशीन कम मात्रा से होने वाले लीकेज को पकड़ नहीं पाती है, इसलिए प्रेशर के कम होने पर वहां टीम पहुंच जाती थी.
लोगों का आरोप, बीट कॉन्स्टेबल लेता था पैसे…
अब सवाल उठ रहा है कि इलाके में पिछले तीन महीने से हो रही चोरी इस इस बड़ी घटना के बारे में पुलिस को भनक तक कैसे नहीं लगी. दरअसल, इसको लेकर भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. बताया जा रहा है कि इस प्लॉट को किराए पर लेने वाले लोगों का न तो कभी पुलिस वेरिफिकेशन हुआ और न ही कभी बीट कॉन्स्टेबल वहां पहुंचा. हालांकि लोग यह भी आरोप लगा रहे हैं कि बीट कॉन्स्टेबल इन लोगों से पैसे लिया करता था.