

विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राम मंदिर मामले में अध्यादेश लाये जाने को लेकर अभी जल्दबाजी की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस मसले के समाधान के लिए अन्य विकल्प खुले हैं।
उन्होंने कहा कि शीर्ष न्यायालय में राम मंदिर मामले की सुनवाई होने वाली है। देखते हैं कि वहां क्या निर्णय होता है। इसके अलावा, दोनों पक्ष आपस में बात कर इस मसले को सुलझा सकते हैं।
विजयवर्गीय में कहा कि भाजपा एक जवाबदेह पार्टी है। राम मंदिर मामले में हम फिलहाल अध्यादेश लाकर देश में सामाजिक समरसता का ताना-बाना प्रभावति कतई नहीं चाहते।
भाजपा महासचिव ने हालांकि कहा कि अगर भविष्य में आवश्यक होगा, तो राम मंदिर मामले में अध्यादेश भी लाया जायेगा। लेकिन अध्यादेश लाया जाना इस सिलसिले में आखिरी विकल्प होगा।
विजयवर्गीय ने कहा कि हमारी जवाबदेही है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो और इसके साथ ही देश में शांति भी बनी रहे।