मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी, अकेले लड़ सकती है विधानसभा चुनाव

मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों में नई राजनीतिक पहचान बनकर उभरे संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) और कांग्रेस के बीच समझौते को लेकर चल रही बातचीत विधानसभा की एक सीट के कारण खटाई में पड़ गई है। दिक्कत यह है कि बरसों से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन जयस ने कांग्रेस के सामने इस सीट को छोड़ने की मांग रख दी है। बहरहाल, बात नहीं बनी तो कांग्रेस अकेले ही चुनाव मैदान में जाएगी।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस और जयस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावनाएं अभी समाप्त नहीं हुई हैं, लेकिन धार जिले की कुक्षी विधानसभा सीट को लेकर दोनों की बातचीत में अवरोध जरूर पैदा हो गया है। जयस कांग्रेस के साथ समझौते में 40 सीटें चाहता है और इसमें भी कुक्षी उसकी लिस्ट में सबसे ऊपर है। जयस के नेताओं का कहना है कि धार और आसपास के इलाके में उनके संगठन की मजबूत उपस्थिति है। लिहाजा जयस हर हाल में कुक्षी सीट चाहेगी। यदि कांग्रेस तैयार नहीं हुई तो दोनों के बीच चल रही समझौता वार्ता असफल भी हो सकती है।

झुकने को तैयार नहीं कांग्रेस

जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो वह लगभग 20 सीटें जयस को देने के लिए राजी बताई जाती है पर कुक्षी के मामले में वह भी झुकने को तैयार नहीं है। उसकी एक बड़ी वजह यह है कि 1972 से लेकर अभी तक कांग्रेस कुक्षी में केवल दो चुनाव हारी है। एक 1990 का विधानसभा चुनाव और दूसरा 2012 का उपचुनाव। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस समझौता करके अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारेगी।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने बसपा, सपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ भी समझौते की कोशिश की थी, लेकिन सीटों की संख्या को लेकर बात बन नहीं सकी। कमोबेश यही कहानी जयस के मामले में है। राज्य में 28 नवंबर को चुनाव है। लेकिन मुख्य प्रतिद्वंदी भाजपा और कांग्रेस अपने उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर पाए हैं। 

E-Paper