11823 बाहरी वाहनों पर 30 लाख का जुर्माना बकाया, इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा

राजधानी में सड़कों पर नियम को तोड़ते हुए दौड़ रहे वाहनों में 35 प्रतिशत वाहन भोपाल के नहीं बल्कि अन्य जिलों के हैं। यह खुलासा इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) में दर्ज आंकड़ों में हुआ है।

ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले 34 हजार वाहनों में से 11,823 वाहन अन्य जिलों में पंजीकृत है। शहर के बिगड़े यातायात को सुधारने के लिए बीते मई से चालानी कार्रवाई की जा रही है। 17 करोड़ की लागत से तैयार किए गए स्मार्ट सिटी कंपनी के आईटीएमएस से 22 स्थानों पर कैमरे लगाए गए हैं। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते ही चालक की गाड़ी नंबर प्लेट के माध्यम से पूरी जानकारी स्वतः ही सिस्टम में अपडेट हो जाती है।

अधिकारियों ने बताया कि 34 हजार में से 28,243 लोगों को चालान भेजे गए हैं। इनमें से 10,783 ने अब तक चालान जमा कर दिए हैं।

30 लाख रुपए का जुर्माना बकाया

आईटीएमएस द्वारा भेजे जा रहे चालानों में सबसे कम राशि का चालान हेलमेट नियमों के उल्लंघन पर होता है। अधिकारियों ने बताया कि धारा 129-177 समन शुल्क 250 रुपए तय है। यदि इस लिहाज से 11,823 चालकों पर बकाया जुर्माना राशि का आंकलन किया जाए तो यह राशि 29 लाख 55 हजार 750 रुपए होगी। इतना ही नहीं बल्कि ओवर स्पीडिंग पर हेलमेट उल्लंघन से तीन गुना अधिक 1 हजार रुपए जुर्माने का नियम है।

वसूली की यह है प्रक्रिया

स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने बताया कि आईटीएमएस के माध्यम से शहर की सड़कों पर अन्य जिलों के वाहनों पर कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। मेल, डाक और व्हाट्सएप के माध्यम से ई-चालानों को नियम उल्लंघन के सचित्र सबूत के साथ भेजे जा रहे हैं। साथ ही संबंधित जिलों के यातायात पुलिस को भी इनकी जानकारी भेजी जा रही है।

इसका भी असर नहीं

आईटीएमएस से भेजे जा रहे चालानों में नियमों के उल्लंघन की पूरी जानकारी के साथ जुर्माने की राशि जमा करने के तरीकों की जानकारी दी जा रही है। वहीं, अब चालान में स्पष्ट लिखा गया है कि यदि चालान को 7 दिनों के अंदर जमा नहीं कराया गया तो अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार जुर्माने की राशि एमपी ऑनलाइन के कियोस्क पर जाकर नगर या इंटरनेट द्वारा नेट बैकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिड कार्ड के माध्यम से भरी जा सकती है। इसके अलावा नगर निगम के भोपाल प्लस ऐप और निगम जोन व वार्ड कार्यालय में भी नकद जमा की जा सकती है।

E-Paper