गुजरात निकाय चुनाव 2018: 75 नगरपालिकाओं के लिए वोटिंग जारी
नई दिल्ली: गुजरात निकाय चुनाव के लिए मतदान सुबह आठ बजे से जारी है. निकाय चुनाव में 75 नगरपालिकाओं, दो जिला पंचायत, 17 तालुका पंचायत और करीब 1400 ग्राम पंचायतों में में वोटिंग हो रही है. इसके अलावा छह अन्य नगरपालिकाओं की सात सीटों पर भी उपचुनाव के लिए मतदान किया जा रहा है. निकाय चुनाव के नतीजे 19 फरवरी को आएंगे. राज्य निर्वाचन आयोग ने 23 जनवरी को निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी. गुजरात निकाय चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 3 फरवरी थी.
गुजरात निकाय चुनाव में कुल 19 लाख 76 हजार मतदाता अपने मत का इस्तेमाल करेंगे. 529 वार्डों की 2116 सीटों पर 6200 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में हैं. इसके लिए कुल 2763 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसमें से 530 संवेदनशील और 95 अति संवेदनशील हैं. इस चुनाव में 80 अधिकारियों सहित 15616 कर्माचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है.
इस चुनाव में बीजेपी अपना प्रदर्शन बरकार रखना चाहेगी तो वहीं कांग्रेस की रणनीति विधानसभा चुनाव की तरह ही करने की होगी. क्योंकि राज्य की 75 नगरपालिकाओं में से 59 में बीजेपी का कब्जा है. वहीं बीजेपी का प्रदर्शन शहरी क्षेत्रों में तो अच्छा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों मे बीजेपी की स्थिति उतनी अच्छी नहीं मानी जा रही है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पिछले 22 सालों से सत्ता पर काबिज बीजेपी एक बार फिर से अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, हालांकि कांग्रेस इस बार भी सत्ता से दूर ही रही. इस बार के चुनावों में बीजेपी को राज्य की 182 सीटों में से 99 सीटें मिली, जबकि कांग्रेस गठबंधन को 80 सीटें और अन्य के खाते में 3 सीटें गई. गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने इसी प्रदर्शन को बरकरार रखना चाहेगी तो वहीं बीजेपी अपनी पिछली गलतियों से सीख कर उसमें सुधार करना चाहेगी.
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 99 सीटें जीती थीं. कांगेस के खाते में 77 सीटें आई थीं. निकाय चुनाव में बीजेपी और मजबूत होने की कोशिश करेगी. वहीं, कांग्रेस फिर से अपना प्रदर्शन सुधारने का प्रयास करेगी. विधानसभा चुनाव में हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश की तिकड़ी ने बीजेपी के लिए खासी मुश्किल खड़ी की थी और चुनाव जीतने के लिए बीजेपी को ऐड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा था. इस तिकड़ी का कमाल था कि बीजेपी 100 सीटें भी हासिल नहीं कर पाई थी.