
उमरिया जिले के चंदिया वन परिक्षेत्र में 8 वर्षीय नर बाघ टी-185 की करंट लगने से मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम में करंट की पुष्टि हुई है। वन विभाग ने इसे वन्यजीव अपराध मानते हुए विशेष टीम और डॉग स्क्वॉड से जांच शुरू कर दी है।
उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से जुड़े चंदिया वन परिक्षेत्र में एक नर बाघ की करंट लगने से मौत का मामला सामने आया है। मृत बाघ की पहचान टी-185 के रूप में हुई है, जिसकी उम्र करीब 8 वर्ष बताई जा रही है। शनिवार को चंदिया वन परिक्षेत्र के आरएफ-10 क्षेत्र में बाघ का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। सूचना मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे इलाके को घेराबंदी में ले लिया गया।
रविवार को विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने अधिकारियों की मौजूदगी में बाघ का पोस्टमॉर्टम किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि बाघ की मौत करंट लगने से हुई है। इस घटना के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया है और इसे वन्यजीव अपराध मानते हुए जांच तेज कर दी गई है।
वन विभाग ने शिकारियों की तलाश के लिए विशेष टीम का गठन किया है। डॉग स्क्वॉड को भी मौके पर बुलाया गया है, जो आसपास के जंगल और संभावित रास्तों पर सर्चिंग कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि अवैध शिकार के इरादे से जंगल में करंट फैलाया गया था, जिसकी चपेट में आकर बाघ की जान चली गई। बताया गया है कि बाघ टी-185 बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली और चंदिया वन परिक्षेत्र में नियमित रूप से विचरण करता था। यह क्षेत्र बाघों की गतिविधियों के लिए संवेदनशील माना जाता है। घटना के बाद से वन विभाग ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और बिजली के अवैध तारों व उपकरणों की जांच भी की जा रही है।
शहडोल के प्रभारी मुख्य वन संरक्षक अनुपम सहाय ने बताया कि प्रारंभिक जांच में बाघ की मौत का कारण करंट लगना सामने आया है। उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमॉर्टम के बाद अधिकारियों की निगरानी में मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम की चंदिया रोपणी में सुरक्षित स्थान पर बाघ का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर जंगलों में अवैध गतिविधियों और वन्यजीव सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।