
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा है कि वे केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशानुसार 30 नवंबर तक भ्रष्टाचार रोकथाम के उपायों पर रिपोर्ट जमा करें। इससे पहले UGC ने संस्थानों से लंबित मुद्दों को सुलझाने और डिजिटल पहल लागू करने के लिए तीन महीने का भ्रष्टाचार निवारक अभियान चलाने का निर्देश भी दिया था।
यूजीसी ने 1 अगस्त को उच्च शिक्षा संस्थानों को आदेश देते हुए उन्हें 18 अगस्त से 17 नवंबर तक भ्रष्टाचार निवारक अभियान चलाने को कहा था। सभी कुलपति और निदेशकों को इस अभियान के दौरान की गई गतिविधियों की रिपोर्ट यूजीसी के विश्वविद्यालय गतिविधि निगरानी पोर्टल (age.ac.in) के माध्यम से प्रस्तुत करनी होगी।
सभी मुख्य सतर्कता अधिकारियों को अभियान के दौरान की गई पांच निवारक सतर्कता पहलों की रिपोर्ट तैयार करनी है, जिनमें शामिल हैं:
लंबित शिकायतों का निपटान
लंबित मामलों का निपटान
क्षमता निर्माण कार्यक्रम
परिसंपत्ति प्रबंधन
डिजिटल पहल
आधिकारिक नोटिस के अनुसार, सतर्कता मामलों को लंबा खींचना गलत है, क्योंकि इससे न्याय नहीं हो पाता और अनुशासनात्मक कार्रवाई का मकसद पूरा नहीं होता। इसलिए आयोग ने यह तय किया है कि जांच, पहले और दूसरे चरण की सलाह (FSA और SSA) और अनुशासनात्मक जांच को समय पर पूरा करना चाहिए, इसके लिए एक तय समय सीमा भी बनाई गई है।
2 नवंबर तक मनाया जाएगा सतर्कता जागरूकता
यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों से अनुरोध किया है कि वे सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 27 अक्तूबर से 2 नवंबर तक मनाएं। यह सप्ताह सतर्कता के महत्व को समझाने, जागरूकता बढ़ाने और सत्यनिष्ठा बनाए रखने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने पर केंद्रित है।
आयोग ने कहा है कि, अभियान के दौरान संस्थानों को मास्टर प्रशिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। इसमें IGOT प्लेटफॉर्म पर प्रासंगिक पाठ्यक्रमों को पूरा करना भी शामिल है। सतर्कता मामलों में देरी न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है, इसलिए जांच और अनुशासनात्मक कार्यवाही को निर्धारित मॉडल समयसीमा के अनुसार पूरा किया जाना चाहिए।