पुतिन के दिमाग के आगे फेल हुए ट्रंप और पश्चिमी देश
अमेरिका के अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक के बाद अब हालात ऐसे बनते दिख रहे हैं, जिनमें यूक्रेन अगर शांति समझौता करता है तो भी उसे नुकसान होगा और अगर नहीं करता है तो अमेरिका जैसे अहम सहयोगी का साथ छूटने का डर है। जेलेंस्की भले ही शांति समझौते की संभावनाओं को लेकर खुश हैं, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं अब यूक्रेन के पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं और शांति समझौते के बाद भी यूक्रेन घाटे में ही रहेगा।
सोमवार को व्हाइट हाउस में होनी है अहम बैठक
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की सोमवार को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात करेंगे। कई यूरोपीय देशों के नेता भी बैठक के लिए अमेरिका पहुंच रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के विशेष सलाहकार स्टीव विटकॉफ ने दावा किया है कि ट्रंप और पुतिन की मुलाकात में यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर सहमति बनी है। इसके तहत यूक्रेन को नाटो के अनुच्छेद 5 के तहत सुरक्षा गारंटी मिलेगी। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सुरक्षा गारंटी मिलने पर खुशी जताई लेकिन यूक्रेन, नाटो का सदस्य होगा या नहीं, ये अभी तक स्पष्ट नहीं है। गौरतलब है कि यूक्रेन ने नाटो का सदस्य बनने के लिए ही रूस से युद्ध लड़ा है और इतने साल की लड़ाई के बाद भी यूक्रेन का नाटो में शामिल होना तय नहीं है।
ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा, ‘यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की अगर चाहें तो रूस के साथ युद्ध तुरंत समाप्त कर सकते हैं या फिर वे लड़ाई जारी रख सकते हैं। याद कीजिए कि यह कैसे शुरू हुआ था। ओबामा की ओर से दिया गया क्रीमिया वापस नहीं मिलेगा और यूक्रेन का नाटो में शामिल होना भी संभव नहीं है। कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं!’ इतना ही नहीं रूस ने भी सुरक्षा गारंटी देने की मांग कर दी है। रूस ने कहा है कि अगर यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी दी जा रही है तो रूस को भी पश्चिमी देश सुरक्षा गारंटी दें।