गर्मी में Migraine के पीछे छिपे हैं हैरान करने वाले कारण

गर्मियों का मौसम अपने साथ कई सारी बीमारियां लेकर आता है। इन दिनों पेट मे जलन, चेहरे पर लाल दाने या सिर दर्द की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। इस दौरान आपको सेहत का कुछ ज्यादा ही ख्याल रखना पड़ता है। धूप में जाने से पहले पानी पीना, सनस्क्रीन लगाना, सनग्लासेज पहनना तो नॉर्मल है। जब गर्मी अपने तेवर दिखाती है तो इससे सिरदर्द की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। कई लोग पहले से ही माइग्रेन से पीड़ित होते हैं। उनके लिए ये समय और चुनौतीपूर्ण हो जाता है। माइग्रेन सिर्फ सिरदर्द नहीं है, बल्कि ये एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन होता है जब सिर के एक हिस्से में तेज दर्द उठता है। आइए जानते हैं गर्मी में माइग्रेन के क्या कारण हो सकते हैं- तेज धूप और गर्मी चिलचिलाती धूप में लंबे समय तक रहने से शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है। इससे दिमाग पर प्रेशर बढ़ जाता है। ये स्थिति माइग्रेन को एक्टिव कर देती है। डिहाइड्रेशन इन दिनों तेज धूप के कारण पसीने के जरिये हमारे शरीर से सारा पानी निकल जाता है। ऐसे में डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। जब शरीर में पानी की कमी होती है तो ब्लड सर्कुलेशन भी धीमा हो जाता है। दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचने में दिक्कत होती है। ये भी माइग्रेन के कारण है। नींद में कमी गर्मी के कारण कई बार नींद नहीं पूरी हो पाती है। इससे दिमाग सही ढंग से काम नहीं कर पाता है। ये भी माइग्रेन की समस्या को बढ़ावा देता है। कैफीन या कोल्ड ड्रिंक्स का ज्यादा सेवन चाहे सर्दी हो या गर्मी, कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दिन में कई बार चाय या कॉफी पीते हैं। वहीं कुछ लोगों को कोल्ड्रिंक पीने की आदत होती है। अगर आप ज्यादा मात्रा में इनका सेवन करते हैं तो दिमाग पर असर पड़ता है। इससे माइग्रेन का दर्द शुरू हो सकता है। अगर आप पसीने की बदबू से बचने के लिए ज्यादा परफ्यूम या डिओडरेंट का इस्तेमाल करते हैं तो इनकी तेज खुशबू भी माइग्रेन को बढ़ावा दे सकती है। मौसम में अचानक बदलाव गर्मियों में लगातार मौसम में बदलाव जारी रहता है। कभी तेज धूप तो कभी बादल, कभी बारिश तो कभी लू, मौसम में होने वाले ये बदलाव, माइग्रेन की समस्या को बढ़ा सकते हैं। माइग्रेन से कैसे बचें गर्मियों में? रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पिएं। धूप में निकलते समय टोपी, धूप का चश्मा और छाते का इस्तेमाल करें। बहुत ठंडी चीजों का सेवन करने से बचें। नींद पूरी करें और एक ही समय पर सोने-जागने की आदत बनाएं। स्ट्रेस को कम करने के लिए मेडिटेशन या योग करें।
E-Paper