राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द होने के बाद कांग्रेस पार्टी लगातार भाजपा पर साध रही निशाना..

बीते शुक्रवार को राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द होने के बाद कांग्रेस पार्टी लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता निलंबित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ भाजपा ने कायरता दिखाई है।  
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा कि की लोकसभा से सदस्यता निलंबित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ भाजपा ने अपनी कायरता दिखाई है। उन्होंने एक प्रेस बयान में कहा कि राहुल गांधी की सच्चाई का सामना करने में असमर्थ, नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें लोकसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया और कायरता प्रदर्शित की। भारतीय संसदीय लोकतंत्र में यह एक काला दिन है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के साथ हुए अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी।

भाजपा पापों से भरी है- सिद्धारमैया

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पापों से भरी है। उन्होंने (पीएम मोदी) अपनी ही बर्बादी के ताबूत में आखिरी कील ठोक दी है। इस फासीवादी व्यवहार से दूर होने का कोई सवाल ही नहीं है। हम इस अन्याय के खिलाफ अदालतों और सड़कों पर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि आज भारत में अनौपचारिक आपातकाल घोषित कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी और एनडीए सरकार के खिलाफ बोलने वालों को चेतावनी के तौर पर राहुल गांधी पर फैसला लिया है।

राजनीतिक दलों से एकजुट होने की अपील

सिद्धारमैया ने राहुल गांधी के निलंबन के खिलाफ भारत में विभिन्न राजनीतिक दलों से एकजुट होने की अपील की और उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का भी अनुरोध किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस पार्टी या राहुल गांधी के लिए खतरा नहीं है, यह उन सभी लोकतंत्र प्रेमियों के लिए खतरा है जो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं। सभी को पार्टी और मजहब को भूलकर इसका एक साथ विरोध करना चाहिए। हालांकि यह सच है कि राहुल गांधी के खिलाफ की गई कार्रवाई से कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्ता आहत हैं, लेकिन इस संदर्भ में संयम बरतना जरूरी है। मैं अनुरोध करता हूं कि कोई भी गुस्से में न आए और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करे। गुरुवार को हुई राहुल गांधी की सदस्यता रद्द गुरुवार को 2019 के मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा राहुल को दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी ससंदीय सदस्यता रद्द कर दी गई। कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनावों में एक रैली में ‘मोदी’ सरनेम का उपयोग करने वाली टिप्पणी के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस सांसद को दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, बाद में अदालत ने 30 दिनों की अवधि के लिए उनकी सजा को निलंबित करते हुए 15,000 रुपए के मुचलके पर उसकी जमानत मंजूर कर ली, जिसके दौरान वह अपनी सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं।

कांग्रेस ने साधा केंद्र सरकार पर निशाना

इस बीच, कांग्रेस ने शुक्रवार को लोकसभा सदस्य के रूप में राहुल की अयोग्यता को लेकर केंद्र पर जमकर निशाना साधा और इसे “लोकतंत्र का गला घोंटना” बताया, साथ ही विश्वास जताया कि उच्च न्यायालय द्वारा उनकी सजा पर रोक के जरिए अयोग्यता को रद्द कर दिया जाएगा। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह सरकार परेशान है क्योंकि हम (कांग्रेस) स्पष्ट रूप से नोटबंदी पर तथ्यों और आंकड़ों के साथ बोलती है। चाहे वह चीन को कथित क्लीन चिट हो या जीएसटी, वह लगातार आक्रामक और अपनी पूछताछ में खुला है। इसलिए यह सरकार उनकी आवाज दबाने के लिए नए-नए तरीके खोज रही है।  
E-Paper