जानें इंटरपोल के महासचिव ने तीसरे इंटरपोल यंग ग्लोबल पुलिस लीडर्स प्रोग्राम के संबोधन में क्या कुछ कहा..

इंटरपोल नोटिसों के प्रति ईमानदारी का भाव सभी संबद्ध लोगों में होना चाहिए। यह भाव उसकी व्यवस्था से जुड़े अधिवक्ताओं, विशेषज्ञों और स्वतंत्र आयोग में होना चाहिए। यह बात इंटरपोल के महासचिव जर्गेन स्टाक ने तीसरे इंटरपोल यंग ग्लोबल पुलिस लीडर्स प्रोग्राम में अपने वर्चुअल संबोधन में कही। इस कार्यक्रम का आयोजन सीबीआइ ने किया था। इसमें 44 देशों के युवा पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

सभी के हित में होता है अंतरराष्ट्रीय संगठन का नोटिस

महासचिव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगठन जब किसी मामले में नोटिस जारी करता है तो उसे विश्वास होता है कि सदस्य देश उस पर ईमानदारी से कार्रवाई करेंगे। यह सभी के हित में होता है। दुनिया भर के पुलिस संगठनों के बीच समन्वय बनाने वाली संस्था इंटरपोल भगोड़े, लापता लोगों, अपराध की कार्यप्रणाली, बिना पहचान वाले शव और खुफिया सूचनाओं के संबंध में विभिन्न रंगों के नोटिस जारी करता है। इन नोटिसों पर संज्ञान लेकर सदस्य देश अपेक्षित सूचनाएं उपलब्ध कराते हैं या अपराधी को गिरफ्तार करते हैं।

रेड कार्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया को तेज करने की जरुरत

एक अन्य स्थान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंटरपोल से अनुरोध किया था कि वह भारत के भगोड़े अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए रेड कार्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया को तेज करे। दुनिया में बदल रही अपराधों की प्रकृति पर चिंता जताते हुए स्टाक ने कहा, आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए तकनीक के बेहतर इस्तेमाल की जरूरत है। इससे अपराधों को एक देश से दूसरे देश में फैलने से रोका जा सकेगा।

अपराध रोकने में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस की बड़ी भूमिका

अपराधों का दायरा फैलने से रोकने में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस बड़ी भूमिका निभा सकता है। इसके जरिये हम अपराधियों के संबंध में सूचनाएं और आंकड़े आपस में साझा कर सकते हैं। नेटवर्क विकसित कर सदस्य देशों को उससे जोड़ सकते हैं। इससे अपराध करके भागने वाले अपराधी और उसके मददगारों को जल्द पकड़ना संभव होगा।
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