उत्तराखंड में गुलदार की दहशत, ग्रामीण घरों में कैद, जानें पूरी ख़बर

उत्तराखंड में हर तरफ गुलदार की दहशत है। पौड़ी गढ़वाल में मंगलवार की घटना के बाद  टिहरी जिले हुई घटना ने डर को और बढ़ा दिया है। पौड़ी के पाबौ में तो छात्र एक हफ्ते तक पढ़ने नहीं जा पाए। गुलदार प्रभावित कई इलाकों में महिलाएं शाम के वक्त चारा-पत्ती लेने घरों से नहीं निकल रही हैं। गुलदार के हमलों की वजह से पौड़ी, टिहरी और नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा दहशत है।
पौड़ी गढ़वाल के पाबौ निवासी दुर्गा थपलियाल ने बताया कि यहां बच्चे सुबह और शाम को ट्यूशन पढ़ने जाते हैं, लेकिन वह एक हफ्ते तक गए ही नहीं। अब परिजन उन्हें समूह में पढ़ने ले जा रहे हैं। ग्राम प्रधान हरेंद्र कोहली ने बताया कि वन विभाग से पिंजरा लगाने को कहा है, अभी लगा नहीं है। पौड़ी में गुलदार को ट्रैंक्यूलाइज करने के  विभाग ने दिए निर्देश देहरादून। चीफ वाडल्ड लाइफ वार्डन डा. समीर सिन्हा ने पौड़ी में बच्चे को मारने वाले गुलदार को ट्रैंक्यूलाइज करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा पौड़ी में मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए क्विक रिस्पांस टीम बनाने को भी कहा है। उन्होंने ने बताया कि गुलदार को तत्काल पकड़ने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल को घटना का रिव्यू करने और वहां लगातार बढ़ रहे मानव वन्यजीव संघर्ष कम करने को कंजर्वेटर पौड़ी की अध्यक्षता में विशेष टास्क फोर्स बनाने को कहा गया है। पाबौ के स्कूल में आ धमका गुलदार पौड़ी। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज पाबौ में मंगलवार दिन में ही गुलदार घुस आया। उस वक्त स्कूल में कक्षाएं चल रही थीं। स्थानीय निवासी संजय चमोली ने बताया कि गुलदार के स्कूल परिसर में दिखाई देने के बाद छात्राओं ने कक्षाओं के दरवाजे बंद कर पुलिस और वन विभाग की टीम को फोन कर बुलाया। गुलदार की दहशत से गांव हो गया खाली  कोटद्वार। यमकेश्वर विधानसभा के दुगड्डा ब्लॉक मुख्यालय के नजदीकी गोदी गांव पिछले पांच महीने में पूरी तरह खाली हो गया है। यहां बीती 19 जुलाई को स्कूल जाते वक्त बच्चे को गुलदार ने मार दिया था। इसके बाद गांव के रह रहे 12 परिवार दुगड्डा शिफ्ट हो गए हैं और गांव में अब कोई नहीं रह रहा है। शाम होने से पहले घरों में हो रहे कैद  नैनीताल/गोपेश्वर। नैनीताल के बेतालघाट के ग्राम प्रधान शेखर दानी के बताया कि ग्रामीणों को शाम 6 बजे के बाद बेहद जरूरी काम से ही घर से निकलने को कहा गया है। चंपावत के बाराकोट, पाटी और  पिथौरागढ़ के चंडाक, बजेटी, पपदेऊ, पुनेड़ी, कुसौली, बेरीनाग में महिलाएं चारा पत्ती लेने जंगल जाने से कतरा रही हैं। गोपेश्वर की पूर्व जिला पंचायत सदस्य ऊषा रावत ने बताया कि पठियालधार क्षेत्र में शाम होने पर लोग घरों से नहीं निकल रहे। लम्बगांव, फकोट, घनसाली से लगे गांवों में देर शाम और तड़के  लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
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