केदारनाथ मंदिर परिसर में एक यात्री अपने कुत्ते के साथ किया नंदी को स्पर्श, मंदिर समिति के अध्यक्ष ने अपनाया सख्त रूख

केदारनाथ मंदिर परिसर में एक यात्री का कुत्ते के साथ घूमने तथा नंदी को स्पर्श करने के मामले में बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष ने सख्त रूख अपनाया है।

उक्त यात्री को कुत्ते के साथ घूमने से क्यों नहीं रोका गया?

उन्होंने मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी को पत्र लिखकर संबंधित यात्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने मंदिर परिसर में समिति के कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों की तैनाती के बाद भी उक्त यात्री को कुत्ते के साथ घूमने से क्यों नहीं रोका गया इस पर नाराजगी जताई है।

इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक व्यक्ति जूते पहनकर एक कुत्ते को साथ लेकर केदारनाथ मंदिर परिसर में पहुंचता है और नंदी को स्वयं व अपने कुत्ते का भी स्पर्श करा रहा है।

ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसका ध्यान रखें

इसका संज्ञान लेते हुए बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बदरी केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह को पत्र भेजकर इस पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसका ध्यान रखें। साथ ही उक्त व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।

बदरी केदार मंदिर समिति अध्यक्ष ने कहा कि मंदिर परिसर में किसी प्रकार की अवांछित गतिविधियों / क्रिया-कलापों पर रोक लगाने के लिए मंदिर समिति के कार्मिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें।

नर्सिंग अधिकारियों को कमरे मिल रहे और न खाना

चारधाम यात्रा में आम लोग को अव्यवस्था का सामना तो करना पड़ ही रहा है, अब सरकारी कर्मचारी भी परेशान होने लगे हैं। चारधाम यात्रा में ड्यूटी कर रही नर्सिंग अधिकारियों को न रहने के लिए कमरे मिल रहे हैैं और न खाने की ही व्यवस्था हो पा रही है।

नर्सिंग अधिकारियों ने इसकी शिकायत उत्तराखंड नर्सेज सर्विस एसोसिएशन की पदाधिकारियों एवं विभाग के अफसरों से की है। एसोसिएशन की अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला और महामंत्री कांति राणा ने स्वास्थ्य महानिदेशक को इस संबंध में शिकायत की है। उन्हें बताया कि चारधाम यात्रा में नर्सिंग अधिकारियों की 15-15 दिन की रोस्टर में ड्यूटी लगी हैं।

उनके लिए यहां पर रहने और खाने की बुनियादी जरूरत का भी इंतजाम नहीं है। उन्हें महंगे होटलों में कमरे लेकर रहना पड़ रहा है। यात्रियों की अधिकता के कारण कई बार वह कमरे भी नहीं मिलते, जिससे उन्हें अस्पताल में ही सोना पड़ रहा है। उन्होंने पर्याप्त इंतजाम नर्सिंग अधिकारियों के लिए जाने की मांग उठाई है।

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