जानिए कब से शुरू हो रहा है ज्येष्ठ मास का बुढ़वा मंगल, देखें पूजा विधि और इसका महत्व
हिंदू नववर्ष का तीसरा माह ज्येष्ठ मास 17 मई से शुरू हो रहा है। हिंदू धर्म में इस मास का काफी अधिक महत्व है। क्योंकि इस माह भगवान हनुमान की विधि-विधान से पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले हर मंगलवार को बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल के नाम से जाता है। इस पर्व में श्री राम के परमभक्त भगवान हनुमान की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान हनुमान पहली बार वन में विचरण करते हुए अपने प्रभु श्री राम से मिले थे। वहीं दूसरी कथा के अनुसार, महाभारत काल में जब भीम को अपने बल का घमंड हो गया था, तो उस समय भगवान हनुमान जी ने एक बूढ़े वानर का रूप रखकर भीम को परास्त किया था, जिससे भीम का घमंड टूट गया था। इसलिए इस दिन को बड़ा मंगल के रूप में मनाया जाता है। जानिए बुढ़वा मंगल की तिथियां, पूजा विधि और महत्व।
कब-कब पड़ रहे हैं बुढ़वा मंगल
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास 17 मई से शुरू हो रहा है और समापन 14 जून को हो रहा है। इस मास की शुरुआत मंगलवार से रही है और अंत भी मंगलवार से हो रहा है। ज्येष्ठ मास में पूरे पांच मंगलवार पड़ रहे है। जानिए बुढ़वा मंगल की सभी तिथियां।
- 17 मई
- 24 मई
- 31 मई
- 7 जून
- 14 जून