चीन सहित इन देशों में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के मामले, पढ़े पूरी खबर
March 30, 2022, 11:03 AM
Abs 2019-nCoV RNA virus - 3d rendered image on black background.
Viral Infection concept. MERS-CoV, SARS-CoV, ТОРС, 2019-nCoV, Wuhan Coronavirus.
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कोरोना महामारी (Corona Pandemic) एक बार फिर से चिंता का सबब बन गई है. करीब एक महीने की गिरावट के बाद संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. एशिया (Asia) से लेकर पश्चिमी देशों (Western Countries) तक कोरोना का प्रकोप दोबारा नजर आने लगा है. वहीं, एक्सपर्ट्स ने चेतावनी देते हुए कहा है कि लापरवाही भारी पड़ सकती है.
चीन के इस शहर में बिगड़े हालात
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, ओमिक्रॉन (Omicron) का अधिक संक्रामक BA.2 वैरिएंट यूरोप और चीन (China) के कुछ हिस्सों में तेजी से फैल रहा था. मार्च में यहां कई नए केस रिकॉर्ड किए गए हैं. चीन का शंघाई शहर नए हॉटस्पॉट के तौर पर सामने आया है. यहां प्रशासन ने हालात से निपटने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) लगाया है.
इन देशों में भी बढ़ रहे मामले
इस महीने यानी मार्च में फ्रांस, इटली, जर्मनी और ब्रिटेन में भी कोरोना के मामलों में तेज दर्ज की गई है. वहीं, अमेरिका में भी ‘कोरोना रिटर्न’ की चेतावनी दी जा रही है. सबसे ज्यादा चिंता इस बात को लेकर है कि चीन में कोरोना फिर से जोर पकड़ने लगा है. महामारी की शुरुआत चीन वुहान से हुई थी और इसके बाद इसने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया था.
26 मिलियन लोग घरों में कैद
शंघाई में ओमिक्रॉन वैरिएंट के करीब 5,982 मामले सामने आए हैं. इसके मद्देनजर प्रशासन ने शहर के कुछ पश्चिमी हिस्सों में भी लॉकडाउन लगा दिया है. इससे पहले, प्रशासन द्वारा लॉकडाउन की संभावना से इनकार किया गया था. 26 मिलियन की आबादी वाला ये शहर फिलहाल लॉकडाउन का सामना कर रहा है. लोगों को घरों में रहने को कहा गया है.
क्या है BA.2 वैरिएंट?
Omicron के संक्रमण के बीच ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारियों ने सबसे पहले BA.2 के बढ़ते मामलों का पता लगाया था. Omicron के कुल मिलाकर तीन सब-स्ट्रेन हैं, BA.1, BA.2 और BA.3. चूंकि इसे ट्रैक करना थोड़ा कठिन है, इसलिए BA.2 को ‘स्टील्थ वैरिएंट’ भी कहा जाता है. एक लापता जीन के कारण, BA.1 को डिफ़ॉल्ट रूप से एक सामान्य पीसीआर टेस्ट के माध्यम से ट्रैक किया जाता है. जबकि BA.2 और BA.3 का पता केवल जीनोमिक अनुक्रमण द्वारा लगाया जा सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, BA.2 की कोरोना के नए मामलों में 86% हिस्सेदारी है. यह BA.1 और BA.1.1 जैसे अन्य सब-वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है. लेकिन अब तक के सबूत बताते हैं कि इससे गंभीर संक्रमण होने की संभावना कम है.