12 सौ करोड़ की लागत से फैजाबाद व अयोध्या के बीच बसेगी नयी अयोध्या

फैजाबाद। नव्य अयोध्या बसाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं। फैजाबाद तथा अयोध्या के बीच करीब 12 सौ करोड़ रुपये की लागत से ‘नव्य अयोध्या’ बसाई जाएगी।

पर्यटन विभाग के साथ विकास प्राधिकरण ने जिस परियोजना का खाका खींचा है, उसे रियल स्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने मंजूरी दे दी है। योजना को अमली जामा पहनाने के लिए क्रेडिट गारंटी की दरकार है ताकि बैंक ऋण आसानी से मिल सके। इसके लिए राज्य सरकार से पत्राचार किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी की तरह अब तो नव्य अयोध्या सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगी। इसके लिए विशेषज्ञ संस्थाओं से सेवाएं ली जाएंगी।

पहले चरण में पांच सौ एकड़ भूभाग को विकसित किया जाएगा। इसमें सड़क, पार्क, मंदिर, मकान, होटल, अस्पताल जैसी सुविधाएं होंगी। यही नहीं, आवासों में पेइंग गेस्ट का भी प्रबंध हो सकेगा ताकि स्थानीय लोगों को जीविकोपार्जन के लिए रोजगार मिल सके। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-28 पर साकेतपुरी कॉलोनी के निकट का इलाका चिह्नित किया गया है। योजना का शुरुआती खाका पर्यटन विभाग ने देशी-विदेशी सैलानियों के आमद को बढ़ावा देने के लिए खींचा था, जिसे मूर्तरूप देने की जिम्मेदारी अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण को सौंपी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अयोध्या के विकास में दिलचस्पी को देखते हुए इस योजना के जल्द अमल में आने की उम्मीद है।

भूमि अधिग्रहण के लिए चाहिए सौ करोड़

प्राधिकरण के पास भूमि बैंक न होने के कारण जमीन का प्रबंध सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए प्राधिकरण को तत्काल सौ करोड़ रुपये की दरकार है। योजना के अमल में आने से अयोध्या के विकास को पंख लग सकते हैं।

रेरा से मंजूरी मिली

विकास प्राधिकरण के वित्त एवं लेखाधिकारी रविंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नव्य अयोध्या के विकास की परियोजना को रेरा से मंजूरी मिल चुकी है। क्रेडिट गारंटी के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शासन की हरी झंडी मिलते ही जमीनी स्तर पर प्रगति नजर आने लगेगी। 

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