कवर्धा में मंत्रियों के दबाव में निर्णय ले रहा प्रशासन, पीड़ितों से की मुलाकात: पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह

विवाद और तनाव के बीच पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह रविवार को कवर्धा पहुंचे। कवर्धा रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा में डा. रमन ने राज्य सरकार और मंत्री अकबर पर निशाना साधा। रमन ने कहा कि कवर्धा में प्रशासन मंत्रियों के दबाव में निर्णय ले रहा है। एफआइआर करने में 48 घंटे लग जाते हैं, उसके बाद भी एकतरफा कार्रवाई हो रही है। कवर्धा में सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह सहित अन्य लोगों पर एफआइआर दर्ज की गई है।

रमन ने कहा कि 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तार कर समाज को क्या दिखाना चाहते हैं। क्या कवर्धा के लोगों को धमकाकर, कवर्धा जिले को बंधक बनाकर शांति स्थापित हो सकती है? मामले में न्यायिक जांच की जरूरत है। दोनों पक्षों पर कार्रवाई होनी चाहिए। डा. सिंह में कहा कि कवर्धा को शांति का टापू कहा जाता है। ऐसी जगह पर इस तरह की परिस्थिति क्यों निर्मित हुई?

 

कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कवर्धा में विस्फोटक स्थिति निर्मित हुई। वहां धारा 144 कभी भी नहीं लगाई गई थी। कवर्धा जाने के सवाल पर रमन ने कहा कि लोगों से इस बात की जानकारी लेने की कोशिश करूंगा। घटना की वजह जानने का प्रयास करूंगा कि ऐसी परिस्थितियां निर्मित क्यों हो रही।

रमन ने कहा कि कांग्रेसियों की जबान में जो बातें आ रही है, वह यही बता रही है कि इस घटना को राजनीतिक मोड़ देने की कोशिश हो रही है। राजनीति करते-करते तीन साल में इन्होंने कवर्धा को जला डाला। मैं चाहता हूं कि कवर्धा में शांति स्थापित हो। कांग्रेस में इस तरह की मानसिकता पनप रही है, जिसे शांत होना चाहिए।

पूर्व सांसद अभिषेक सिंह और सांसद संतोष पाण्डेय पर लगे आरोपों पर कहा

रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेसियों की जबान में जो बातें आ रही है, वह यही बता रही है कि इस घटना को राजनीतिक मोड़ देने की कोशिश हो रही है। राजनीति करते-करते तीन साल में इन्होंने कवर्धा को जला डाला। मैं चाहता हूं कि कवर्धा में शांति स्थापित हो। कांग्रेस में इस तरह की मानसिकता पनप रही, जिसे शांत होना चाहिए।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के यूपी दौरे को लेकर कहा –

छत्तीसगढ़ में कुछ बताने लायक नहीं है, इसलिए वो उत्तर प्रदेश जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भू माफिया, रेत माफिया, शराब माफिया का राज चल रहा है। छत्तीसगढ़ कर्ज के बोझ से डूबा हुआ है, वे यहां के यथार्थ को बताने से भाग रहे हैं।

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