प्रदेश में नकली डीजल के उत्पादन एवं बिक्री संबंधी पुख्ता सूचना होने के बावजूद तेल कंपनियां नहीं उठा रहीं कोई कदम, पढ़े पूरी खबर

प्रदेश में नकली डीजल के उत्पादन एवं बिक्री संबंधी पुख्ता सूचना होने के बावजूद भी तेल कंपनियां डीजल में संभावित मिलावट पर रोक लगाने को कुछ नहीं कर पाई है। हैरानी तो इस बात की है कि मिलावट रोकना तो दूर, तेल कंपनियां अपने ही डीलरों को ऐसी कोई सुविधा नहीं दे पाई हैं, जिससे वे खुद डीजल में हुई किसी मिलावट का पता लगा सकें।

प्रदेश के पेट्रोल पंप डीलर तो खुद ही डीजल की गुणवत्ता को लेकर संशय जता रहे हैं और सार्वजनिक तौर पर यह स्वीकार भी कर चुके हैं कि तेल कंपनियों की तरफ से डीजल की गुणवत्ता जानने के लिए कोई उपकरण अथवा प्रक्रिया की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है। पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन, पंजाब (पीपीडीएपी) के प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि डीजल की गुणवत्ता जानने के लिए पेट्रोलियम डीलरों के पास मात्र डेंसिटी टेस्ट की ही सुविधा है, लेकिन नकली डीजल इस टेस्ट से पकड़ में ही नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि मार्केट में नकली डीजल उपलब्ध होने के संबंध में तेल कंपनियों के अधिकारी भलीभांति परिचित हैं। बावजूद इसके बीते 5 दिन में डीजल की गुणवत्ता जानने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए जा सके हैं।

—–

यह भी पढ़ेंः बिना मंजूरी सड़कें खोदी, जांच की मांग

जालंधर : शहर में मोबाइल कंपनी की तारें डालने के लिए बिना मंजूरी सड़कों की खुदाई का मामला सामने आया है। पंजाब खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह ने नकोदर रोड पर विर्क कालोनी में मशीनों से सड़कों की खुदाई करके तार डालने का काम पकड़ा है। उन्होंने जब काम कर रहे कंपनी के करिदों से मंजूरी के बारे में पूछा तो वे कोई कागज नहीं दिखा पाए। इसके लिए निगम को अभी सिर्फ आवेदन दिया गया था। निगम ने मंजूरी नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि जब तक फीस जमा करवा कर मंजूरी नहीं मिल जाती तब तक सड़क की खुदाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह यह मामला नगर निगम कमिश्नर और निगम के बिल्डिंग डिपार्टमेंट के ध्यान में लाएंगे ताकि मोबाइल कंपनियों पर कार्रवाई हो सके।

E-Paper