झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को मिल सकती है राहत, दर्ज कांडों में ज्यादातर में नहीं मिले पर्याप्त सबूत

रांची, झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव पर हजारीबाग के विभिन्न थानों में दर्ज मामलों में अधिकतर के खिलाफ साक्ष्य पर्याप्त नहीं हैं। इसका खुलासा सीआइडी की समीक्षा में हुआ है। बड़कागांव की विधायक पूर्व मंत्री की बेटी अंबा प्रसाद ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को पत्र लिखकर यह आरोप लगाया था कि पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के खिलाफ पुलिस ने दुर्भावना से ग्रस्त होकर केस दर्ज किया था। उन पर कुल 26 कांड दर्ज हैं, जो बड़कागांव व केरेडारी थाने में दर्ज हैं।

सरकार के आदेश पर सीआइडी ने उक्त सभी 26 कांडों में से सिर्फ पांच कांडों की समीक्षा की तो उनमें चार कांड ऐसे निकले, जिसमें पुलिस के पास उनके विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं थे। अब सीआइडी ने हजारीबाग के एसपी को पत्र लिखकर यह आदेश दिया है कि पूर्व मंत्री पर जो भी केस पहले से दर्ज हैं, उन सबकी समीक्षा होगी। अगर साक्ष्य नहीं होंगे तो उसे समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। एक दिन पूर्व ही विधायक अंबा प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी थी कि उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व मां पूर्व विधायक निर्मला देवी को पुलिस ने जान-बूझकर फंसाया है।

श्रम न्यायालयों में चार पीठासीन पदाधिकारियों का पदस्थापन

श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने कार्मिक विभाग से सेवा प्राप्त चार पदाधिकारियों को विभिन्न जिलों में श्रम न्यायालयों के पीठासीन पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित किया है। इसके तहत सुधांशु कुमार शशि का पदस्थापन धनबाद, ध्रुव चंद्र मिश्रा का पदस्थापन रांची, राजीव कुमार सिन्हा का पदस्थापन जमशेदपुर तथा बबीता प्रसाद का पदस्थापन हजारीबाग श्रम न्यायालय के पीठासीन पदाधिकारी के पद पर किया गया है।

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