योगी का शिक्षा मंदिर (स्कूल) बना शौचालय

एंकर –अलीगढ़ में योगी सरकार के शिक्षा विभाग की खुली पोल, शिक्षा का मंदिर बना शौचालय, विद्यालय में आवारा पशु करते हैं निवास, गंदगी के कारण अभिभावक बच्चों को नहीं जाने देते स्कूल, एक छोटे से कमरे में कक्षा एक से लेकर पांचवी तक कराते हैं शिक्षक पढ़ाई, अलीगढ़ का शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन बना हुआ है अनभिज्ञ, भला ऐसे कैसे पढ़ेगा और बढ़ेगा इंडिया,,,,,,,देखिए अलीगढ़ से स्कूल बना शौंचालय,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
वीओ 1–देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही कितना भी शिक्षा को सुधारने की बात कह रहे हो, शिक्षा के क्षेत्र में करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया जा रहा है, और योगी जी शिक्षा को उच्च स्तर पर पहुंचाने का दावा ठोक रहे हो, लेकिन,,,,अलीगढ़ में उनका यह दावा खोखला साबित हो गया है,,,,,,!! जी हां हम यह बात इस वजह से कह रहे हैं क्योंकि अलीगढ़ के दुबे के पड़ाव स्थिति गांधी पार्क के पास प्राथमिक बालक पाठशाला संख्या 31/32 चलता है,,,, जिसमें कक्षा 1 से लेकर पांचवी तक बच्चों को शिक्षा ग्रहण कराई जाती है, लेकिन इस पाठशाला के पास खुद की पर्याप्त जमीन, पाँच कक्षा कक्ष, स्टाफ कक्ष होते हुए भी,,,एक छोटे कमरे में कक्षा 1 से लेकर 5वीं तक के बच्चों को शिक्षा दी जा रही है,,,,,इस स्कूल में सभी पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 72 बताई गई है,,,लेकिन उनमें से महज 30-40 बच्चे ही पढ़ने आते हैं,,,,इसका कारण इस स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा प्रिंस बता रहा है,,,,,कि उसके परिजन उसे स्कूल जाने से रोकते हैं,,,,जरा सुनिए आखिर क्यों,,,,,,,,,,,,
बाइट –प्रिंस (छात्र, प्राथमिक पाठशाला, अलीगढ़)
वीओ 2–तो अभी अपने सुना एक बच्चे ने स्कूल की किस तरह से पोल खोली है,,,,इसी में आगे टीचर स्टाफ का कहना है कि स्कूल के पास अपनी जमीन स्कूल की पूरी बिल्डिंग मौजूद होते हुए भी एक कमरे में पढ़ाने को मजबूर हैं, इस स्कूल में ना तो शौंच की सुविधा है, ना ही पीने के पानी की,,,, रही सही कसर स्कूल की बिल्डिंग ने पूरी कर दी है,,, अब इतनी भीषण गर्मी में महिला टीचर इस बात से भी दुखी होती हैं कि वह पानी नहीं पी पाती हैं,,,, क्योंकि अगर उन्होंने पानी ज्यादा पिया तो उन्हें लघुशंका आएगी जिसके लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है,,, लघुशंका के लिए इसी खुले आसमान के नीचे शौचालय में जाना पड़ता है,,, जहां लघुशंका जाना बीमारी को बुलावा देना होता है। इसी लिए इस भीषण गर्मी में भी प्यासे रहने को मजबूर हैं,,,,इस सबकी शिकायत जिला प्रशासन को कई बार लिखित में दे चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी है।
बाइट –लक्ष्मी (टीचर)
वीओ 3 –इस स्कूल के इंचार्ज प्रधानाध्यापक विजय गौतम का कहना है कि इस स्कूल की शिकायत पिछले 10 सालों से लगातार की जा रही है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी सांत्वना देने के अलावा और कुछ नहीं करते थोड़ी बहुत जो साज सज्जा कर ली गई है वह भी एनजीओ की मदद से कराई गई है।
बाइट –विजय गौतम (इंचार्ज, प्रधानाध्यापक, प्राथमिक पाठशाला, अलीगढ़)
वीओ 4–स्कूल की इस जर्जर हालत के संबंध में जब हमारी टीम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी के संज्ञान में डाला तो उनका कहना है कि आपके द्वारा स्कूल की जर्जर हालत की जानकारी मिली है इसको जल्द से जल्द दिखवा कर किसी दूसरी जगह शिफ्ट करा कर बिल्डिंग का सुधार किया जाएगा।
बाइट –लक्ष्मीकांत (बीएसए, अलीगढ़)
वीओ फाइनल –अलीगढ़ में स्कूलों की यह हालत तो तब है,,,,जबकि अलीगढ़,,,, राजस्थान के राज्यपाल और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का ग्रह क्षेत्र,,,,और उनके सुपौत्र संदीप सिंह जो कि मौजूदा राज्य शिक्षा मंत्री का भी ग्रह क्षेत्र अलीगढ़ है,,,,,
अब देखने वाली बात यह होगी की योगी सरकार करोड़ों खर्च करके टीचर स्टाफ को 40-60 हजार रुपये वेतन देकर,,,,,,8-10 हजार रुपये का वेतन पाने वाले टीचर की भांति निजी स्कूलों में दी जाने वाली उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर कब तक हो पाएगी,,,,,जिसके लिए इस तरह के बदहाल-जर्जर स्कूलों की हालत निजी स्कूलों जैसी सूंदर और ऊंची इमारत वाले न सही,,,,,कम से कम इंसानों लायक कब तक हो पाएगी।
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