झारखंड: कोरोना के कहर के बाद भी नहीं डर रहे लोग, लॉकडाउन में भी बाजारों में भीड़

धनबाद, झारखंड में आंशिक लॉकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है। 22 अप्रैल से 26 अप्रैल तक एक सप्ताह के लिए झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह नाम देते हुए आंशिक लॉकडाउन लगाया था। इसके बाद दूसरे चरण में 6 मई की सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया। अब एक बार फिर झारखंड में लॉकडाउन बढ़ाने की चर्चा चल पड़ी है। हालांकि सरकार का निर्णय क्या होगा, 5 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होने वाली आपदा प्रबंधन समिति की बैठक के बाद ही सामने आएगा। दूसरी तरफ आंशिक लॉकडाउन के दाैरान लोक डर नहीं रहे हैं। धनबाद में हर रोज आधा से एक दर्जन लोगों की मृत्यु हो रही है। फिर भी लोग हाट-बाजारों और सड़कों पर मेला लगाए दिख जाते हैं। इससे कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। जबतक लोग घरों में नहीं रहेंगे आंशिक लॉकडाउन बहुत असर दिखने वाला नहीं है।

मंगलबार को शहर में काफी चहल-पहल रही

झारखंड में आंशिक लॉकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है। दोपहर दो बजे तक दुकानों को खुले रखने का आदेश है, जबकि तीन बजे तक आवाजाही करने का अंतिम समय निर्धारित किया गया है। इस समय में मंगलवार को शहर के बाजारों में काफी चहल पहल रही। सड़कों पर भी वाहनों का आना जाना लगा रहा। बात हीरापुर सब्जी बाजार की करें तो यहां नित्यदिन की तरह ही भीड़ भाड़ देखी गई। मुख्य सड़क के दोनों किनारों पर फल की दुकानें सजी थीं। लोग फलों की खरीदारी कर रहे थे। कुछ ऐसा ही हाल सब्जी बाजार का भी था। बाजार के अंदर सब्जी के अलावा राशन, पूजा सामग्री, अंडा, बर्तन की भी दुकानें चल रही थीं। यहां काफी संख्या में लोग खरीदारी कर रहे थे। मुख्य सड़क की बात करें तो यहां जाम लगा हुआ था।

पुलिस लाइन के सामने कुछ ज्यादा ही दिखे लोग

पुलिस लाइन में भी लोग कुछ ज्यादा ही दिखे। सब्जी बाजार में काफी लोग थे। स्टील गेट की करें तो मुख्य सड़क पर भीड़ थी। बाजार भी लोगों से भरा हुआ था। कोयला नगर जाने वाले चौक पर वाहनों रेंगते हुए चल रहे थे। बरटांड और बेकारबांध में काफी दुकानें खुली थी, लेकिन अन्य बाजारों की अपेक्षा यहां भीड़ कम थी।

पुराना बाजार में सुधार नहीं

पुराना बाजार की हालत में पहले जैसी ही रही। यहां भीड़ अन्य दिनों की तरह ही थी। रेलवे फाटक गेट से लेकर पानी टंकी तक एक सा आलम था। कुछ दुकानदारों ने अपना सब्जी बाजार तेतुलतल्ला मैदान के आसपास लगा रखा था। अधिकांश अब भी मुख्य बाजार में ही कारोबार करते नजर आए।

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