पटना में रेमडेसिवर इंजेक्शन के लिए डॉक्टर परिजनों पर बना रहे दबाव, काला बाजारी कर रहे लोग

पटना: कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। गंभीर मरीजों को राजधानी के सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। ऑक्सीजन पर रहने वाले मरीजों को संक्रमण कम करने की दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के लिए डॉक्टर मरीजों को लिखते हैं। इसके बाद उसके परिजनों को इस दवा की आपूर्ति करने का दवाब बनाते हैं। इसके बाद मरीज दवा दुकानों के चक्कर लगाते हैं। काफी परेशानी के बाद मरीज इसे ब्लैक मार्केट से खरीदारी कर रहे हैं।

दुकानदार मांग रहे 70 हजार रुपये

कंकड़बाग के एक निजी नर्सिंग होम के एक मरीज को रेमडेसिविर देने की सलाह दी गई। मरीज के परिजन संजय कुमार ने बताया कि काफी परेशानी के बाद गोविंद मित्रा रोड में एक दुकान से उसे 70-70 हजार रुपये की दर से छह वायल दुकानदार ने देने की बात कही। इतनी राशि नहीं होने के कारण वह नहीं ले सका।

खुले बाजार में रेमडेसिविर बेचने को लेकर रोक

सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने कहा कि खुले बाजार में रेमडेसिविर बेचने को लेकर अभी रोक है। अभी केवल निजी अस्पताल राज्य सरकार की ओर से मुहैया कराएं गए पोर्टल पर मरीज का आधार कार्ड, मरीज को पर्चो के साथ दवा के लिए इंडेट करेंगे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम उसकी जांच कर दवा मुहैया कराएगी। इसके लिए स्थानीय सहायक औषधि नियंत्रक को जिम्मा दिया गया है। निजी अस्पताल स्वजन को दवा के लिए दवाब नहीं दे सकते हैं। एक बार पहले भी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कराया गया था। फिर से अब निरीक्षण कराया जाएगा।

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