
भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा कुछ समय के लिए रोकी गई। बारिश थमने तक श्रद्धालुओं को बालटाल और पहलगाम के नन वैन कैंप में रोका गया है। गंदरबल के डिप्टी कमिश्नर डॉ. पियूष सिंघला का कहना है, ‘हम भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के साथ लगातार संपर्क में बने हुए हैं और स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।’ वहीं तीर्थ यात्रियों का कहना है कि ‘उम्मीद है कि हमें जल्द ही यात्रा शुरू करने की अनुमति मिल जाएगी।’
इससे पहले श्रद्धा और जोश से भरा अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था बम-बम भोले के जयकारे लगाता हुआ बुधवार देर शाम बालटाल और पहलगाम बेस कैंप पहुंचा। दोनों बेस कैंप में पहुंचने पर यात्रियों का फूल सौंपकर स्वागत किया गया। इससे पहले जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से 109 वाहनों में लगभग तीन हजार यात्रियों के जत्थे को पूजा-अर्चना व आरती के साथ भोर में रवाना किया गया।
देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं का जोश आधार शिविर से रवाना होने के वक्त देखते ही बन रहा था। आधिकारिक रूप से श्री अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू होगी और इसी दिन श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के पवित्र हिमलिंग के पहले दर्शन होंगे। पूरे यात्रा मार्ग में सुरक्षा के अब तक के सबसे व्यापक प्रबंध किए गए हैं। यात्रा मार्ग पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है।
जम्मू से पहले जत्थे में पहलगाम मार्ग के लिए 1904 और बालटाल मार्ग के लिए 1091 श्रद्धालु कड़ी सुरक्षा में रवाना हुए। कुल 36 बसों और 25 हल्के वाहनों में पहलगाम मार्ग के लिए रवाना हुए 1904 शिव भक्तों में 1554 पुरुष, 330 महिलाएं और 20 बच्चे शामिल हैं। वहीं, बालटाल मार्ग के लिए रवाना हुए कुल 1091 यात्री 21 बसों और 27 हल्के वाहनों व पांच मोटर साइकिल पर रवाना हुए। इनमें 780 पुरुष, 190 महिलाएं, एक बच्चा और 120 साधु शामिल हैं।