कांग्रेस से सियासी सफर शुरू कर बसपा में कद्दावर नेता और मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी लगभग चार दशक बाद दोबारा कांग्रेस का दामन थामने के बाद गृह जनपद बांदा आए तो अभूतपूर्व स्वागत हुआ। बांदा और फतेहपुर की सीमा पर कांग्रेसियों और समर्थकों ने गर्मजोशी से अगवानी की। लगभग सौ वाहनों के काफिले के साथ जिला कांग्रेस कार्यालय पहुंचे नसीमुद्दीन ने कहा कि वे पूरी उम्र कांग्रेस को मजबूत बनाने में गुजारेंगे। चुनाव लड़ने की कोई ख्वाहिश नहीं है।
80 के दशक के पूर्व नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गृह जनपद बांदा में युवा कांग्रेस से राजनीति शुरू की थी। बाद में बसपा में शामिल हो गए। बसपा सरकार में तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे। बसपा से निकाले जाने के बाद पिछले वर्ष कांग्रेस का हाथ थाम लिया। रविवार को गृह जनपद आने पर उनकी अगवानी के लिए कांग्रेसियों ने पूरी ताकत झोंक दी।
रविवार को दोपहर बांदा-फतेहपुर की सीमा पर बंधवा में बांदा से लगभग सौ वाहनों में पहुंचे समर्थकों ने अगुवानी की। वहां से काफिला शाम को बांदा पहुंचा। इसके पूर्व मदनपुर गांव में चिल्ला रोड पर और सर्किट हाउस के पास अगवानी हुई। शाम को जिला कांग्रेस कार्यालय पहुंचे सिद्दीकी का जिलाध्यक्ष अखिलेश शुक्ल की अगुवाई में कांग्रेसियों ने जोरदार स्वागत किया। 51 किलो की माला पहनाई।
इस मौके पर सिद्दीकी ने कहा कि बुंदेलखंड से उन्हें जो आशीर्वाद और संबल मिला है, उसी की बदौलत इस मुकाम पर हैं। कहा कि राहुल गांधी का हाथ मजबूत करेंगे। चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है। सवाल किया कि बुंदेलखंड ने भाजपा को सारे सांसद और विधायक सौंप दिए, लेकिन भाजपा ने बुंदेलखंड को क्या दिया?