योगी सरकार के खिलाफ राज्य कर्मचारियों ने महाहड़ताल का किया ऐलान

हरि किशोर तिवारी और शिवबरन सिंह यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से राज्य कर्मचारियों में विश्वास बढ़ा था कि उनकी लंबित और जायज समस्याओं का समयबद्ध तरीके से समाधान होगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मिलकर लाखों कर्मचारियों की मूलभूत समस्याओं के बारे में बताया तो उन्होंने छह माह का समय मांगा था। सरकार को बने एक साल से अधिक समय बीत गया है लेकिन कर्मचारियों की समस्याएं जस की तस हैं। इसलिए आंदोलन करना मजबूरी हो गया है।
11 से 22 नवंबर 2013 की महाहड़ताल और 23 जुलाई 2015 की महारैली की तर्ज पर एक बार फिर परिषद आंदोलन कर रही है। दोनों कर्मचारी नेताओं ने बताया कि जिन 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन करना पड़ रहा है, उनमें से कई मांगों पर उच्चस्तरीय वार्ता के बाद सहमति भी बन चुकी है।
कुछ अधिकारियों की सोची समझी राजनीति और कर्मचारियों के दिल में राज्य सरकार के प्रति अविश्वास पैदा करने के लिए ये आदेश लंबित रखे गए हैं। परिषद का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से लेकर प्रमुख सचिव कार्मिक, प्रमुख सचिव वित्त के साथ भी वार्ता कर चुका है। सभी कर्मचारियों की समस्याओं के बारे में जानते हैं। इसके बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।