यूपी के पूर्व मंत्री को जान से मारने की धमकी, मोबाइल पर फोन कर कहा- गोली मार दूंगा
31 अक्टूबर को पूर्व मंत्री मदन चौहान अपने पूर्व विधानसभा क्षेत्र बहादुरगढ़ के पलवाड़ा गांव में कुछ लोगों से मिलने गए थे। उस दिन देर शाम को करीब पौने आठ बजे वापस लौटते समय एक अज्ञात नंबर से उनके मोबाइल पर फोन आया।
हापुड़। उत्तर प्रदेश सरकार में तीन बार मंत्री रहे हापुड़ जिले के दिग्गज नेता को जान से धमकी देने का मामला सामने आया है। इसके बाद से जिले में हड़कंप मचा हुआ है। आनन-फानन में पुलिस महकमा सक्रिय हो गया है। जागरण संवाददाता के मुताबिक, गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे और प्रदेश के पूर्व मनोरंजन कर मंत्री मदन चौहान को अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन पर जान से मारने की धमकी दिए जाने का मामला सामने आया है। हापुड़ पुलिस ने पूर्व मंत्री की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है। फिलहाल धमकी देने वाला पुलिस की पकड़ से बाहर है।
बहादुरगढ़ थाना प्रभारी नीरज कुमार ने बताया कि 31 अक्टूबर को पूर्व मंत्री मदन चौहान अपने पूर्व विधानसभा क्षेत्र बहादुरगढ़ के पलवाड़ा गांव में कुछ लोगों से मिलने गए थे। उस दिन देर शाम को करीब पौने आठ बजे वापस लौटते समय एक अज्ञात नंबर से उनके मोबाइल फोन पर फोन आया। आरोपितों ने गाली गलौज कर अभद्र भाषा का प्रयोग किया और जान से मारने की धमकी दी। इस पर पूर्व मंत्री ने फोन काट लिया। उसके बाद भी कई बार फोन आने पर उन्होंने फोन उठाया तो फिर से जान से मारने की धमकी दी गई।
वहीं, धमकी मिलने के बाद पूर्व मंत्री मदन चौहान ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ तहरीर दी है। शिकायत के बाबत थाना प्रभारी ने बताया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। फोन करने वाले व्यक्ति की तलाश की जा रही है। जल्द ही आरोपित को गिरफ्तार किया जाएगा।
बता दें कि गढ़मुक्तेश्वर सीट से विधायक रहे मदन चौहान को तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में मंत्रिमंडल में शामिल किया था। मंदन चौहान को स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनाया था। बता दें कि मूलरूप से मेरठ जिले की सरधना क्षेत्र से जुड़े रहे गांव मदारपुर के रहने वाले मदन चौहान का नाम नोएडा के अच्छे कारोबारियों में शुमार है।
मदन चौहान ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। इसके बाद 1996 में हुए विधानसभा चुनाव में गढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। तब उनकी 4,800 वोटों के साथ जमानत जब्त हो गई थी। इसके बाद 2002 में सपा से चुनाव मैदान में उतरे। वर्ष 2002, 2007 और 2012 में लगातार तीन बार विधायक चुने गए।