श्रद्धालुओं को इस बार शर्तों के साथ घाट पर पूजा करने की मिल सकती है अनुमति: छठ महापर्व

पटना. बिहार में इस बार का चुनाव त्योहारों के मौसम में संपन्‍न हुआ है. ऐसे में सभी की नजरें मंगलवार को होने वाले मतगणना के बाद दीपावली और छठ महापर्व पर टिकी है. बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते ग्राफ को लेकर छठ पर फिलहाल सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि लोग घाट पर जाकर भी छठ का व्रत कर सकेंगे. इस कड़ी में पटना में जिला प्रशासन ने स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की जिसमें कोरोना काल में छठ कैसे किया जाए इस पर विचार-विमर्श किया गया.

छठ पर्व को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल और डीएम की पूजा समितियों और वार्ड पार्षदों के साथ बैठक की. बैठक में छठ व्रतियों को घाटों पर शर्त के साथ पूजा करने की बातों पर विचार हुआ. डीएम की मानें तो इस पर उच्‍चस्तरीय निर्णय मिलने के बाद निर्देश जारी होंगे. हालांकि, तब तक घाटों पर तैयारी करने का आदेश भी दिया गया.

पटना नगर निगम छठ व्रतियों को गंगा जल घरों तक टैंकर के माध्यम से पहुंचाएगा. प्रमंडलीय आयुक्त ने कोरोना को ध्यान में रखते हुए लोगो से जागरूक होने की अपील की. नगर निगम को साफ-सफाई और विशेष अभियान चलाकर लोगो को जागरूक करने का आदेश दिया गया. प्रमंडलीय आयुक्त ने सभी पूजा समितियों और वार्ड पार्षदों को कई सुझाव भी दिए जिनमें किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम पर रोक लगाने, सार्वजनिक जगहों पर होर्डिंग, बैनर-पोस्टर से प्रचार प्रसार करने, वार्ड पार्षदों से डोर टू डोर लोगों को जागरूक करने की भी अपील प्रमंडलीय आयुक्त ने बैठक में की.

प्रमंडलीय आयुक्त ने कोरोना काल में पूजा की आस्था के साथ साथ सुरक्षा का भी ध्यान रखने का आदेश दिया. इस दौरान सिविल सर्जन पटना को भी पटना शहर में कोविड के लगातार संक्रमण के मामलों को देखते हुए छठ जैसे पर्व विशेष कार्य करने का आदेश दिया गया है. छठ की तैयारियों को लेकर पटना कॉलेज घाट, गांधी घाट, अंटा घाट, लॉ कॉलेज घाट पर बांस बल्ला लगाने का काम होगा. यहां श्रद्धालु गहरे पानी मे नहीं जाए ऐसी व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है. मालूम हो कि बिहार में छठ को महापर्व कहा जाता है और चार दिनों के इस अनुष्ठान की शुरुआत 18 नवंबर से होगी.

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