भारत-चीन के बीच आठवें दौर की वार्ता शुरू, सीमा विवाद सुलझाने के लिए एक बार फिर होगी चर्चा

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच आज आठवें दौर की वार्ता शुरू हो गई है। इस बातचीत में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक बार फिर से चर्चा होगी। दोनों देशों के कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की वार्ता में भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से चीनी सैनिकों की तत्काल व्यापक वापसी पर जोर देगी। समाचार एजेंसी एएनआइ ने बताया कि यह वार्ता भारतीय क्षेत्र चुशुल में सुबह 9.30 बजे से शुरू हो गई है इसमें भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे है, जिन्हें हाल ही में लेह स्थित 14वीं कोर का कमांडर नियुक्त किया गया है।

मालूम हो कि इस समय पूर्वी लद्दाख के शून्य के आसपास तापमान वाले पर्वतीय मोर्चो पर करीब 50 हजार भारतीय सैनिक पूरी मुस्तैदी से डटे हुए हैं क्योंकि दोनों पक्षों के बीच पूर्व में हुई कई दौर की बातचीत का कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका है। अधिकारियों के मुताबिक, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के भी वहां लगभग इतने ही सैनिक तैनात हैं।

कोर कमांडर स्तर की पिछले दौर की बातचीत 12 अक्टूबर को हुई थी, लेकिन उसमें टकराव वाले स्थानों से सैनिकों की वापसी को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई थी। हाल में विदेश मंत्री एस. जयशंकर कह चुके हैं कि भारत-चीन संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया है और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सीमा प्रबंधन पर किए गए समझौतों का पूरी तरह सम्मान किया जाना चाहिए।

राजनाथ ने दिया ठोस जवाब

भारत चीन बातचीत के बीच गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं पर चुनौतियों का सामना कर रहा है और अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का बचाव करेगा। राजनाथ सिंह ने दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज के 60 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक वेबिनार में बोलते हुए सिंह ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है और युद्ध को रोकने की क्षमता के जरिए ही शांति सुनिश्चित की जा सकती है।

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