रूस ने अजरबैजान को चुनौती देकर कहा, अकेला नहीं है आर्मीनिया

एक महीने से भी ज्यादा समय से जारी आर्मीनिया और अजरबैजान (Armenia And Azerbaijan) के बीच युद्ध में अब रूस (Russia) ने भी एंट्री ले ली है. रूसी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि यदि अजरबैजान सीधे तौर पर आर्मीनिया के इलाकों पर हमला करता है तो वह आर्मीनिया को हर संभव सहायता देगा. बता दें कि 27 सितंबर से जारी यह युद्ध अभी तक नगोर्नो-काराबाख इलाके में ही लड़ा जा रहा है.

नगोर्नो-काराबाख इलाके में आर्मीनियाई मूल के लोग बहुसंख्यक हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे अजरबैजान का हिस्सा मानता है. सोवियत संघ के विघटन के बाद से ही अजरबैजान इस इलाके पर कब्जे का प्रयास कर रहा है लेकिन उसे कभी भी कामयाबी नहीं मिली है. अपुष्ट खबरों के मुताबिक अभी तक अजरबैजान की सेना ने नगोर्नो-काराबाख के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा जमा लिया है.

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि हम दोनों देशों से शांति की अपील करते हैं. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि 10 अक्टूबर को मॉस्को में विदेश मंत्रियों की बैठक में सीजफायर के जिस डील पर सहमति बनी थी उसे जल्द से जल्द लागू किया जाए. सशस्त्र टकराव की स्थिति में उन्होंने कहा कि हम आर्मीनिया की सहायता करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.

आर्मीनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनियन ने रूस से तत्काल सहायता की मांग की है. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम पशिनियन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से पनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहायता मांगी है. उन्होंने यह भी कहा कि रूस की तरफ से इस मांग पर गहराई से विचार किया जा रहा है. रूसी संघ आर्मीनिया की सुरक्षा के लिए सहायता भी कर सकता है.

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