राजस्थान में गुर्जर कल करेंगे चक्काजाम, आठ जिलों में लगा रासुका, इंटरनेट हुआ बंद

जयपुर। गुर्जर सहित पांच जातियों के अति पिछड़ा वर्ग आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने, राज्य की सरकारी भर्तियों में बैकलॉग पूरा करने व देवनारायण बोर्ड के गठन की मांग को लेकर राजस्थान में गुर्जर समाज रविवार को चक्काजाम करेगा। हालांकि इससे पहले गुर्जर समाज दो गुटों में बंट गया। एक गुट ने शनिवार को सरकार के साथ वार्ता की है। वहीं, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने वार्ता करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि रविवार को गुर्जर समाज भरतपुर जिले के पिलूकापुरा में महापंचायत करने के बाद चक्काजाम करेगा। मांगों को लेकर समाज उग्र आंदोलन करेगा।

उधर, रविवार से प्रस्तावित आंदोलन के मद्देनजर अशोक गहलोत सरकार ने आठ जिलों में तीन माह के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा दिया है। गृह विभाग ने इस बाबत शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी। गृह विभाग के आदेश के बाद कोटा, बूंदी, झालावाड़, करौली, धौलपुर, भरतपुर, टोंक समेत अन्य गुर्जर बाहुल्य जिलों के कलेक्टर्स को अतिरिक्त शक्तियां मिल गई हैं। इसके साथ ही भरतपुर, करौली, सवाईमाधोपुर व दौसा के साथ जयपुर जिले की तीन तहसीलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। पिलूकापुरा में महापंचायत और आंदोलन की शुरुआत करने के एलान को देखते हुए सरकार ने भरतपुर जिले में धारा-144 लागू कर दी है। इसके तहत पांच या इससे अधिक लोग एक साथ एकत्रित नहीं हो सकेंगे। गुर्जर बहुल जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को जयपुर से गुर्जर बहुल जिलों में भेजा गया है। प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा व शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि राज्य सरकार ने आरक्षण दिया। संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का काम केंद्र सरकार का है । इसके लिए राज्य सरकार ने दो बार केंद्र को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि वार्ता से ही किसी मसले का हल निकलता है।

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुट पर कसा शिकंजा-

गहलोत सरकार ने आठ जिलों में रासुका लगाकर वार्ता में शामिल नहीं हो रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुट पर शिकंजा कस दिया। सरकार बैंसला गुट को वार्ता के लिए लगातार बुला रही है, लेकिन वे गुट वार्ता नहीं कर रहे हैं। अब ऐसे में अगर रविवार से चक्काजाम किया जाता है तो बैंसला गुट के नेताओं को गिरफ्तारी हो सकती है। अब तक हुए आंदोलनों में गुर्जरों ने रेल की पटरियों पर कब्जा करने के साथ ही राजमार्गों को जाम किया था। इसी बीच, गुर्जर नेताओं के दो गुट में बंटने से सरकार को थोड़ी राहत मिली है। हिम्मत सिंह के नेतृत्व में 41 नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को सरकार से वार्ता के लिए जयपुर पहुंचा। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा व खेल मंत्री अशोक चांदना चाहित आधा दर्जन अधिकारियों के साथ गुर्जर नेताओं की वार्ता हुई। गुर्जर नेता चाहते थे कि प्रक्रियाधीन भर्तियों में गुर्जरों को आरक्षण का लाभ दिया जाए। वहीं, मंत्रियों का कहना था कि प्रक्रियाधीन भर्तियों में ऐसा नहीं किया जा सकता। सरकार अन्य मांगे मानने को तैयार है।

यह है गुर्जरों की मांग-

सरकार ने गुर्जरों के साथ ही रायका, रैबारी,गाड़िया लुहार व बंजारा जातियों को अति पिछड़ा वर्ग में पांच फीसद आरक्षण दिया था। लेकिन विभिन्न कारणों से कई बार यह मामला कोर्ट में अटक गया। ऐसे में गुर्जर नेता चाहते हैं कि इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए। इसके साथ ही गुर्जर नेता बैंकलॉग पूरा करने, देवनारायण बोर्ड के गठन व अब तक हुए आंदोलनों में गुर्जरों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमें वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

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