Investment के लिए चुनें सही प्रोडक्ट्स, बाजार में अनिश्चितता होने पर मिल सकता है बेहतर रिटर्न
हम इस सदी के सबसे बड़े संकट से गुज़र रहे हैं! दुनिया भर में कोविड-19 महामारी का प्रसार तेज़ी से हो रहा है। दुनिया भर में अब तक करीब 3 करोड़ 80 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी से संक्रमित हो चुके हैं और 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इनके अलावा कोरोना वायरस महामारी दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर भी कहर ढा रही है। जिसके चलते लाखों लोग अपनी नौकरियां गवां चुके हैं। इस महामारी के काबू में आने तक बाज़ार में भारी उतार-चढ़ाव का ये दौर बना रहेगा। लेकिन अच्छी बात यह है कि स्टॉक मार्केट में लगातार काम चल रहा हों और पिछले 8 महीनों में इसमें ऐतिहासिक रूप से काफी नाटकीय उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
इस संकट के दौर में भी जो लोग इतने खुशकिस्मत हैं कि उन्हें हर महीने स्थिर तनख्वाह मिल रही है, उनके लिए यह सावधानी से निवेश करने का अच्छा समय हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि इस समय निवेश न करना, सही फैसला नहीं है। क्योंकि जब बाज़ार में बेहद अनिश्चितता होती है तभी आपके निवेश पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है। अपनी निवेश की रणनीति पर कभी डर को न हावी होने दें। क्योंकि ऐसा देखा गया है कि हर महामारी के बाद बाज़ारों का खोया भरोसा लौटता है और उनमें बाउंस बैक देखने को मिलता है।
सबसे लोकप्रिय विकल्प की तलाश करें
ऐसे समय में, जब बाज़ारों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव आता है, तब लोग निवेश के ऐसे विकल्प ढूंढते हैं, जो गारंटीड रिटर्न देने का वादा करते हैं। ऐसे में बैंकों के फिक्स्ड डिपॉज़िट्स सबसे पसंदीदा विकल्प के रूप में सामने आते हैं, जिनमें रिटर्न गारंटीड होता है। लेकिन बैंकों के फिक्स्ड डिपॉज़िट्स या एफडी की अपनी कुछ कमियां भी होती हैं। बैंक एफडी में अधिकतम 10 साल का लॉक-इन पीरियड होता है यानि आप एफडी में 10 साल से ज्यादा पैसे नहीं बचा सकते। हालांकि एफडी मैच्योर होने पर आप उसे दोबारा रिन्यू करवा सकते हैं। इसका मतलब यह है कि बैंक एफडी पर जो ब्याज दे रहा है वह केवल 10 साल तक लागू रहेगा, उससे ज्यादा नहीं। दूसरी बात यह कि पिछले 6 सालों में एफडी पर मिलने वाली ब्याज की दर काफी तेज़ी से घटी है। साल 2014 में बैंक एफडी पर जहां 8.5% ब्याज मिलता था, वहीं साल 2020 में यह घट कर 5.4% हो चुका है, जो कि अब तक का सबसे निचला स्तर है। और इस बात की कोई गारंटी भी नहीं कि अगले कुछ सालों में ब्याज दरें यहां से ऊपर जाएंगी या और नीचे आ जाएंगी।
सबसे ज़रूरी बात यह कि बैंक एफडी पर कोई टैक्स रिबेट या छूट नहीं मिलती (टैक्स सेविंग एफडी को छोड़कर)। यह कुछ महत्वपूर्ण वजहें हैं जो बताती हैं कि ऐसे समय में हमें ऐसे प्रोडक्ट में निवेश करना चाहिए, जिसमें गारंटीड रिटर्न के साथ आपके निवेश की रकम पर न सिर्फ अच्छा ब्याज़ मिले बल्कि वह टैक्स फ्री भी हो। उदाहरण के लिए एक ऐसा प्लान जो मौजूदा स्थितियों में भी गारंटीड रिटर्न दे सकता है, वह है नॉन पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स।
सही प्रोडक्ट में निवेश
जब कोई ग्राहक किसी गारंटीड नॉन पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट में निवेश करता है, तो वह तुरंत यह जान सकता है कि आज वह जो निवेश कर रहा है, उस पर उसे कितना रिटर्न मिलेगा। उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी नॉन-पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट में 10 साल तक हर महीने 10 हज़ा रुपये का निवेश करते हैं, तो आपको बारहवें साल से, अगले 25 और साल तक (37वें साल तक) हर महीने 8950 रुपये मिलेंगे। यानि कुल मिलाकर आपको 39 लाख रुपये मिलेंगे। आप चाहें तो आप यह रकम एक साथ ले सकते हैं या फिर अपनी ज़रूरत के मुताबिक मासिक आय के रूप में भी ले सकते हैं। ये प्लान्स अलग-अलग अदायगी और पॉलिसी शर्तों के साथ मिलते हैं। और इनका IRR भी सबसे ज्यादा होता है- जो कि किसी निवेश की सालाना विकास दर या ग्रोथ रेट को दर्शाता है वह 5.3 और 5.8 के बीच होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि ये गारंटीड रिटर्न ज्यादा लंबे वक्त के लिए होता है, जिसकी अधिकतम सीमा 25 साल होती है। यानि जो लोग 5 से 25 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए नॉन- पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। इस प्लान के कुछ औऱ फायदे हैं। जैसे कि इस प्लान में सेक्शन 80C के तहत निवेश की गई रकम पर छूट और सेक्शन 10 (10D) के तहत रिटर्न पर भी छूट मिलती है। साथ ही ग्राहक को सालान प्रीमियम की रकम की 10 गुना राशि के बराबर लाइफ कवर भी मिलता है।
बाजार में अलग-अलग निवेशकों की शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म निवेश की ज़रूरत के मुताबिक प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं। इसका मतलब यह है कि कोई भी निवेशक जो 5 साल तक निवेश करके 10 साल में रिटर्न चाहता हो या फिर 10 साल तक निवेश करके 25 साल तक रिटर्न पाने की चाहत रखता है, उसे नॉन-पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स कैटेगरी में बेहतरीन प्रोडक्टस मिल सकते हैं। नॉन-पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इन पर मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है। यही वजह है कि नॉन-पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स 28 से 35 वर्ष की आयु के निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। हालांकि यह प्रोडक्ट उन लोगों के लिए बढ़िया है जो सेविंग, बच्चे का भविष्य सुरक्षित करने, घर खरीदने या रिटायरमेंट प्लानिंग के लिहाज़ से अलग-अलग निवेश विकल्पों की तलाश में रहते हैं।
पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स की कमियां
वहीं दूसरी ओर पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स कई बड़ी कमियां भी होती हैं। पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स में आपके निवेश पर मिलने वाला गारंटीड रिटर्न काफी कम होता है। साथ ही निवेशकों को मिलने वाले बोनस भी रकम भी कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करती है, जिसकी प्रक्रिया बहुत पारदर्शी नहीं होती। आमतौर पर पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्टस के तहत दो तरह से रकम की अदायगी की जाती है। पहली है गारंटीड रकम जो कि काफी कम होती है और दूसरा बोनस, जिसकी रकम कंपनी के प्रदर्शन पर आधारित होती है। पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स में प्रोडक्ट चार्ज काफी ज्यादा होता है, लगभग 2.5% से 3% तक। प्रोडक्ट चार्ज इतना ज्यादा होने पर अगर रिटर्न ज्यादा भी मिले तो भी इसका कोई फायदा नहीं होता। क्योंकि ग्राहक को महज़ 5 फीसदी तक का रिटर्न मिल पाता है। साथ ही पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स में नॉन पार्टिसिपेटिंग प्रोडक्ट्स की तरह, 25 साल के लिए रिटर्न भी गारंटीड नहीं होता।
मार्केट में उपलब्ध कुछ जाने-माने नॉन-पार्टिसिपेटिंग प्लान्स
कुछ जानी-मानी इन्श्योरेंस कंपनियां जो नन पार्टिसिपेटिंग प्लान्स ऑफर करती हैं, उनमें शामिल है HDFC लाइफ संचय। इस प्लान के तहत अगर कोई 30 साल का व्यक्ति, 15 साल के पॉलिसी टर्म और 10 साल के पे-टर्म के तहत हर महीने 5000 रुपये का निवेश करता है, तो मैच्योरिटी पर उसे 5.61% के IRR पर एकमुश्त 10.77 लाख रुपये मिलेंगे। इसी तरह अगर आप चाहें तो आदित्य बिरला के गारंटीड माइलस्टोन प्लान में भी निवेश कर सकते हैं। इस प्लान के तहत अगर 30 साल का एक व्यक्ति, 20 साल के पॉलिसी टर्म में 10 साल के पे-टर्म के साथ, हर महीने 5000 रुपये का निवेश करता है तो मैच्योरिटी पर उसे 5.51 के IRR पर 13.94 लाख रुपये की रकम एकमुश्त मिलेगी।
यहां उन लोगों के लिए भी प्लान उपलब्ध हैं जो पूरी रकम एकमुश्त लेने की बजाय, लंबे समय तक हर महीने कुछ रकम चाहते हैं। ऐसा ही एक प्लान है बजाज अलियांज़ लाइफ का गारंटीड इनकम गोल-इनकम। इस प्लान में 30 साल का कोई व्यक्ति अगर 10 साल के पे टर्म और 10 साल के पॉलिसी टर्म में सालाना 60000 रुपये का निवेश करता है तो वह 10 साल तक, हर साल 76,109 रुपये की आय पा सकता है। इस प्लान के तहत, 10 साल के पे टर्म के बाद, 5% एश्योर्ड सम के साथ आय बढ़ती जाती है।